फर्रुखाबाद। करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित इटावा-बरेली हाईवे पर निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर अब गंभीर सवाल उठने लगे हैं। अभी कुछ ही महीने पूर्व शुरू हुआ यह बहुप्रचारित हाईवे जनता की सुविधा के बजाय अब मुसीबत का कारण बनता जा रहा है। प्रशासनिक लापरवाही और निर्माण एजेंसियों की उदासीनता के चलते सड़क पर जगह-जगह खामियां साफ झलकने लगी हैं।
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि हाईवे के बीचों-बीच लगाए गए लाइट पोल बंद पड़े हैं। रात के समय इन लाइटों के न जलने से पूरे मार्ग पर अंधेरा छाया रहता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शिकायतों के बावजूद न तो लाइटें दुरुस्त की गईं और न ही जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर ध्यान दिया।
इतना ही नहीं, सुरक्षा के लिहाज से लगाई जाने वाली लोहे की जालियों में भी खुली मनमानी देखने को मिली है। जहां मन किया वहां जाली लगा दी गई, और जहां जरूरी थी, वहां बिल्कुल नहीं लगाई गई। न तो किसी मानक का पालन हुआ, न ही किसी नियम की परवाह की गई। इससे साफ झलकता है कि निर्माण कार्य में भारी अनियमितता और लापरवाही बरती गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि करोड़ों की लागत से बनी यह सड़क अब भ्रष्टाचार और लापरवाही का प्रतीक बन चुकी है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि हाईवे निर्माण की जांच कर दोषी एजेंसी और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि जनता की सुरक्षा और सरकारी धन दोनों की रक्षा हो सके।






