
फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 में आम जनता को फ्री विद्युत संयोजन देने की जो महत्वाकांक्षी योजना चलाई गई थी, अब उसी योजना के नाम पर भारी घोटाला और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। योजना के तहत प्रदेशभर में करोड़ों लोगों को मुफ्त कनेक्शन दिए गए थे, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों के चलते कई उपभोक्ताओं के कनेक्शन ऑनलाइन नहीं हो पाए और वे अनलेजराइज (Unledgerised) श्रेणी में चले गए।
ऐसे उपभोक्ताओं को वर्ष 2025 में चिन्हित कर उनके आधार कार्ड, फोटो और प्रार्थना पत्र के आधार पर मीटर की यूनिट खपत के अनुसार बिल बनवाने की प्रक्रिया तय की गई थी। इन उपभोक्ताओं पर केवल बिजली यूनिट, फिक्स चार्ज और 5% इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी लागू होती है, किसी भी तरह का ब्याज या सरचार्ज नहीं।
लेकिन अब 33/11 केवी ज़रारी बिजलीघर (कमालगंज) से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कुछ अराजक तत्वों ने उपभोक्ता को गुमराह कर उसके परिसर से अनलेजराइज मीटर चोरी कर लिया और उसकी जगह नया मीटर तरन्नुम बेगम पत्नी मुनव्वर खान, निवासी नगला भीख (कमालगंज) के नाम से स्थापित कर दिया।
चौंकाने वाली बात यह है कि जब नया संयोजन अप्लाई होता है तो विभागीय प्रक्रिया के तहत अवर अभियंता व लाइनमैन को मौके पर सर्वे कर यह सुनिश्चित करना होता है कि उस परिसर पर कोई पुराना कनेक्शन या बकायादारी तो नहीं है। लेकिन इस मामले में सर्वे रिपोर्ट में गलत तथ्यों को दर्ज कर दिया गया। रिपोर्ट में लिखा गया कि “उपभोक्ता के घर पर कोई पुराना संयोजन या बकायादारी नहीं है,” जबकि हकीकत इसके उलट थी।
इस पूरे खेल में और भी बड़ा खुलासा तब हुआ जब विजय कुमार नाम के विभागीय व्यक्ति ने फाइनल रसीद काटे जाने से पहले ही मीटर स्थापित कर दिया, जो पूरी तरह नियम विरुद्ध कार्यवाही है। सामान्य प्रक्रिया में नया मीटर फाइनल रसीद बनने के 7 से 10 दिन बाद लगाया जाता है, लेकिन यहां पहले मीटर और बाद में रसीद — साफ है कि बिजली विभाग के नियमों को तार-तार कर दिया गया।
अब सवाल उठता है कि क्या बिजली विभाग इस घोटाले में शामिल कर्मचारियों पर कार्रवाई करेगा या फिर यह मामला भी अन्य फाइलों की तरह रद्दी की टोकरी में दबा दिया जाएगा?
जनता जवाब चाहती है कि फ्री कनेक्शन योजना के नाम पर चल रहा यह भ्रष्टाचार आखिर कब रुकेगा






