सुल्तानपुर। जिले के कूरेभार क्षेत्र के ढेसरुआ गांव निवासी मोची रामचेत का मंगलवार सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे कैंसर और टीबी जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। आर्थिक तंगी से लड़ते हुए अंततः उन्होंने जिंदगी की जंग हार दी।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 26 जुलाई 2024 को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सुल्तानपुर के दीवानी न्यायालय में मानहानि के एक मामले में पेशी के बाद लखनऊ लौटते समय नगर विधानसभा क्षेत्र में रामचेत की गुमटी पर रुके थे। उस दौरान राहुल गांधी ने रामचेत से बातचीत कर उनकी आर्थिक स्थिति देखी थी और मदद का आश्वासन दिया था।
इसके बाद राहुल गांधी की पहल पर रामचेत को जूते-चप्पल सिलाई के लिए अत्याधुनिक मशीनें और कच्चा माल उपलब्ध कराया गया था। इससे उनका छोटा व्यवसाय कुछ समय के लिए पटरी पर लौट आया था, लेकिन बीमारी ने फिर उनकी सेहत बिगाड़ दी और मंगलवार सुबह करीब 4 बजे उनका निधन हो गया।
रामचेत के निधन की खबर से पूरे ढेसरुआ गांव और आसपास के इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने बताया कि रामचेत मेहनती और स्वाभिमानी व्यक्ति थे, जिन्होंने कभी हालातों से हार नहीं मानी।
इसी बीच, मंगलवार सुबह करीब 8 बजे रामचेत के बेटे राघवराम ने राहुल गांधी को फोन कर पिता के निधन की सूचना दी। राहुल गांधी ने इस खबर पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि “हमारे कांग्रेसी कार्यकर्ता आपके साथ हैं।”
परिजनों के अनुसार, राहुल गांधी की संवेदना और सहयोग से परिवार को इस कठिन घड़ी में बड़ा संबल मिला है। गांव में लोग रामचेत की ईमानदारी और संघर्षशील जीवन को नमन कर रहे हैं।





