फर्रुखाबाद। डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में इंटर्नशिप कर रहे युवक-युवतियों की मनमानी ने मरीजों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जानकारी के अनुसार, इंटर्नशिप कर रहे प्रशिक्षु खुद को डॉक्टर समझकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मंगलवार की सुबह इस लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया, जब फार्मासिस्ट के रेस्ट रूम में एक मरीज को इंटर्न द्वारा इंजेक्शन लगाए जाने की जानकारी मिली।
बताया गया कि कई मरीजों ने पहले भी आपत्ति जताई थी कि चिकित्सक खुद इंजेक्शन लगाने की जगह इंटर्न से इंजेक्शन लगवा रहे हैं। मरीजों का कहना है कि उन्हें भरोसे के साथ अस्पताल में इलाज कराने आते हैं, लेकिन बिना अनुभव वाले प्रशिक्षु उनकी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार की सुबह जब फार्मासिस्ट को जानकारी मिली कि उनके रेस्ट रूम में एक मरीज को इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं, तो उन्होंने तुरंत अस्पताल के कर्मचारियों को भेजकर संबंधित कक्षा में ताला डलवा दिया।
अस्पताल के भीतर इस घटना से हड़कंप मच गया। कई कर्मचारियों ने भी माना कि कुछ इंटर्न अपने कार्यक्षेत्र की सीमा लांघकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों और उनके परिजनों ने नाराजगी जताई। एक मरीज ने कहा, “हम इलाज के लिए आते हैं, प्रयोग के लिए नहीं। डॉक्टर खुद इंजेक्शन लगाने की बजाय इंटर्न से लगवा रहे हैं, जो गलत है।”
प्रशासन मौन, जांच की मांग
मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। वहीं, स्थानीय लोगों और मरीजों ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से मांग की है कि पूरे प्रकरण की जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए।
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है — जहां प्रशिक्षण के नाम पर मरीजों की जिंदगी दांव पर लगाई जा रही है।





