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Monday, November 10, 2025

पांचाल शोध एवं विकास समिति की संगोष्ठी में जीवंत हुआ इतिहास

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फर्रुखाबाद: पाञ्चाल शोध एवं विकास समिति (Panchal Research and Development Committee) के तत्वावधान में फर्रूखाबाद (Farrukhabad) जनपद के स्थापना दिवस पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेन्द्र सिंह सोमवंशी ने की। उन्होंने बताया कि फर्रुखाबाद अत्यंत प्राचीन जनपद है 1714 में बंगश ने तो 52 गाँवो को जोड़कर फर्रूखाबाद नाम दिया था प्राचीन काम्पिल्य , संकिसा जैसे स्थान इसकी प्राचीनता के प्रमाण हैं ।

संयुक्त सचिव भूपेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि मोहम्मद खां बंगश के वंशजों का प्रभाव 1764 के आस पास समाप्त होने लगा था और यह क्षेत्र अवध के नवाब के अधिकार में आ गया ।अंग्रेजों द्वारा जनपद बनाये जाने की प्रक्रिया 1775 के आस पास शुरू हुई थी ।इसी क्रम में फर्रूखाबाद जनपद बनाने के लिए अवध के नवाब से अंग्रजो ने दस नवम्बर 1801 को समझौता किया और साढ़े चार लाख मुआवजा देकर जनपद बनाने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी । 1802 में यहाँ मिन्ट मास्टर यानि कोषाधिकारी की नियक्ति हुई 6 मिन्ट मास्टर के बाद कलेक्टर की नियुक्ति हुई ।

इस अवसर पर अनेक वक्ताओं ने विचार व्यक्त किये ।अनिल सिंह प्रधानाचार्य ,पूर्व प्राचार्य डॉ मुकेश सिंह राठौर ,राजीव बाजपेयी ,प्रदीप सिंह ,अनिल प्रताप सिंह ,भानु प्रकाश मिश्र सचिव ,शरद चन्देल ,मेवाराम पाल आदि उपस्थित रहे ।कार्यक्रम का संचालन महेश पाल सिंह उपकारी ने किया।

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