चंबा: हिमांचल प्रदेश के चंबा जिले के चुराह से भाजपा विधायक हंस राज (BJP MLA Hans Raj) के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत शुक्रवार शाम को दर्ज की गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि विधायक ने नाबालिग पीड़िता के साथ शारीरिक शोषण किया। अदालत में उसका बयान दर्ज कर लिया गया है और मेडिकल परीक्षण (medical tests) भी कराया गया है।
डीएसपी हितेश लखनपाल के अनुसार, पीड़िता की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस सभी पहलुओं की जाँच कर रही है। पीड़िता के पिता ने गुरुवार को हंस राज, उनके निजी सचिव लेख राज और एक अन्य व्यक्ति मुनियन खान के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि विधायक के साथियों ने उन्हें और उनकी बेटी का अपहरण कर लिया, उन्हें शिमला ले गए और लड़की के पहले के बयान को बदलने की धमकी दी।
तिस्सा पुलिस स्टेशन में दर्ज उस एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 140(3), 115(2), 351(2), 324(4) और 3(5) के तहत अपहरण, गलत तरीके से बंधक बनाने, चोट पहुँचाने और धमकाने का आरोप लगाया गया था। विधायक के खिलाफ पहली एफआईआर 16 अगस्त, 2024 को चंबा के महिला पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी, जिसमें उन पर अश्लील संदेश भेजने, नग्न तस्वीरें मांगने और धमकी देने का आरोप लगाया गया था। बाद में महिला ने मानसिक तनाव का हवाला देते हुए एक लाइव सोशल मीडिया वीडियो में अपने आरोप वापस ले लिए।
छह दिन पहले, पीड़िता ने सात मिनट का एक वीडियो पोस्ट करके दावा किया था कि विधायक ने उसके परिवार को बर्बाद कर दिया है और उसे अपनी जान का खतरा है। हंस राज ने अपने वीडियो के साथ जवाब दिया, आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह मानहानि का मुकदमा करेंगे। बाद में, पीड़िता के पिता ने कांग्रेस नेता यशवंत खन्ना के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें आरोप लगाया गया कि विधायक के सहयोगियों ने उनका अपहरण कर लिया, उनके फोन नष्ट कर दिए और मामला वापस न लेने पर उनके घर को जलाने की धमकी दी।
हिमाचल प्रदेश महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है। अध्यक्ष विद्या नेगी ने कहा कि चंबा के एसपी से रिपोर्ट मांगी गई है और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की गई है। भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भी विधायक के खिलाफ सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने चंबा के एसपी को एक ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। अब तक तीन एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से एक पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज की गई है, जिससे विधायक पर दबाव बढ़ रहा है। पुलिस ने कहा कि जांच के निष्कर्षों के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।


