– यूपी सरकार ने खत्म की कारावास की सजा
– ‘सुगम व्यापार अध्यादेश-2025’ लागू, 90% औद्योगिक मामलों में केवल जुर्माने का प्रावधान
– निवेश बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक अपराधों में कारावास की सजा समाप्त करने का बड़ा निर्णय लिया है। इसके स्थान पर अब ऐसे मामलों में केवल जुर्माने का प्रावधान रहेगा। यह बदलाव ‘उत्तर प्रदेश सुगम व्यापार (संशोधन) अध्यादेश-2025’ के तहत किया गया है।
सरकार का कहना है कि यह कदम राज्य में निवेश को बढ़ावा देने और उद्योगों के लिए सहज व्यापार माहौल तैयार करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
नई व्यवस्था के अनुसार, अब लगभग 90 प्रतिशत औद्योगिक अपराधों में केवल आर्थिक दंड (जुर्माना) लगाया जाएगा, जबकि गंभीर और दोहराए गए अपराधों के मामलों में ही कठोर कार्रवाई हो सकेगी।
यूपी सरकार ने औद्योगिक अपराधों में जेल की सजा समाप्त की।
अब केवल जुर्माने का प्रावधान रहेगा।
जुर्माने की राशि हर तीन साल में 10% तक बढ़ाई जाएगी।
यह बदलाव ‘यूपी सुगम व्यापार अध्यादेश-2025’ के तहत किया गया।
उद्देश्य: राज्य में निवेश को प्रोत्साहन देना और उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण बनाना।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, उद्योगों में कार्यरत उद्यमियों और निवेशकों की शिकायत थी कि मामूली तकनीकी या प्रशासनिक त्रुटियों पर भी कारावास की सजा का प्रावधान होने से व्यापारिक माहौल प्रभावित होता था। सरकार ने इन प्रावधानों को संशोधित करते हुए उन्हें जुर्माना आधारित दंड प्रणाली में बदल दिया है।
इस निर्णय को औद्योगिक जगत ने स्वागत योग्य बताया है। उद्योग संगठनों का कहना है कि इससे ‘Ease of Doing Business’ रैंकिंग में उत्तर प्रदेश की स्थिति और मजबूत होगी तथा घरेलू और विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
अब हर उद्योगपति को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह नियमों का पालन करे, क्योंकि जुर्माने की राशि समय-समय पर बढ़ाई जाएगी और दोहराए गए अपराधों पर भारी आर्थिक दंड लगाया जाएगा।



