झांसी। सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं के आधुनिक होने और “सड़क, बिजली, पानी” के विकास के दावे करती हो, लेकिन ज़मीनी हकीकत अब भी दर्दनाक तस्वीर पेश कर रही है। उल्दन थाना क्षेत्र में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल दी है।
गांव की राजनी देवी नाम की महिला का नसबंदी ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उन्हें घर ले जाने के लिए एंबुलेंस सेवा बुलवाई गई, लेकिन गांव तक पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस चालक ने कीचड़ भरे रास्ते का हवाला देकर वाहन रोक दिया। मजबूर परिजनों ने राजनी देवी को एंबुलेंस से उतारकर चारपाई पर लादकर घर तक पहुंचाया।
यह घटना न केवल स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही दर्शाती है, बल्कि गांव की बदहाल सड़कों की स्थिति को भी उजागर करती है। सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद ग्रामीण इलाकों में सड़कें इस कदर जर्जर हैं कि एंबुलेंस तक गांव तक नहीं जा पा रही।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं हुआ। बरसात के बाद से रास्ता पूरी तरह कीचड़ में बदल गया है। कई बार शिकायतें करने के बावजूद न तो सड़क बनी, न ही नालियां सुधारी गईं।
ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि अगर किसी की जान पर बन आए तो क्या प्रशासन इस तरह हाथ पर हाथ रखे बैठा रहेगा?
यह मामला अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है, और स्वास्थ्य विभाग से लेकर लोक निर्माण विभाग तक पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क की मरम्मत और एंबुलेंस सेवा की निगरानी की जिम्मेदारी प्रशासन की है, लेकिन लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।






