न जाने कितनी यादें संग ले आए, ये मेलमिलाप हमारी साझा विरासत है : अखिलेश यादव

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से पूर्व विधायक आजम खान ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। इस दौरान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी मौजूद रहे। दोनों नेताओं की यह मुलाकात लंबे समय बाद हुई, जिसे सियासी गलियारों में अहम माना जा रहा है। मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर दोनों के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा— “न जाने कितनी यादें संग ले आए जब वो आज हमारे घर पर आए! ये जो मेल-मिलाप है यही हमारी साझा विरासत है।”

मुलाकात के बाद आजम खान ने पत्रकारों से बातचीत में तंज भरे लहजे में कहा, “अगर मैं भूमाफिया होता, तो लखनऊ में मेरे पास भी कोठी होती। रामपुर में जहां रहता हूं, वहां बारिश में पानी भर जाता है।” उन्होंने आगे कहा कि “उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था बेहतर है, इसलिए सवाल मत पूछिए।”

बिहार के चुनावों को लेकर आजम खान ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि “मैं वहां चुनाव प्रचार करने नहीं गया, क्योंकि वहां अब भी जंगलराज है। जिनके पास हथियार हैं, वही लोग वहां गए। मेरे पास कोई सुरक्षा नहीं थी, इसलिए मैं उस जंगल तक नहीं गया।” उन्होंने कहा कि किसी राज्य को जंगल कहना उसकी तौहीन है और ऐसे शब्दों के लिए जम्हूरियत में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार में “कट्टा संस्कृति” पर दिए बयान पर भी आजम खान ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “अगर प्रधानमंत्री को जानकारी है तो बताएं, कितने बरस कट्टा बिका। हमारे यहां तो कट्टा बेचने वाले का बेटा विधायक हो गया। उसे केंद्र सरकार के गार्ड मिले हुए हैं। 1975 में जो कट्टे के ड्रम के साथ गिरफ्तार हुआ, वह खुद विधायक बना और उसका बेटा आज विधायक है।”

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