नई दिल्ली। अहमदाबाद में हुए भीषण एअर इंडिया विमान हादसे में मारे गए पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल के पिता पुष्कराज सभरवाल द्वारा दायर स्वतंत्र जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में पायलट के खिलाफ किसी भी तरह का आरोप नहीं लगाया गया है, इसलिए उन्हें इस बात का बोझ खुद पर नहीं लेना चाहिए। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “यह एक दुर्घटना थी, और प्रारंभिक जांच में भी कैप्टन सुमीत सभरवाल को दोषी नहीं ठहराया गया है।” अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि एअरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) का काम किसी को दोषी ठहराना नहीं बल्कि भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के उपाय सुझाना है। इस दौरान मृत पायलट के पिता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण ने दलील दी कि एक अमेरिकी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट में पायलट पर आरोप लगाने की कोशिश की गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “वह रिपोर्ट भारत को बदनाम करने का प्रयास थी।” अदालत ने 12 जुलाई को जारी एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उसमें कहीं भी पायलट को दोषी नहीं बताया गया है, रिपोर्ट में केवल दोनों पायलटों के बीच हुई बातचीत का जिक्र है। न्यायपीठ ने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम यह स्पष्ट कर देंगे कि पायलट को दोषी नहीं माना जा सकता। अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी। इससे पहले पिछले महीने कैप्टन सुमीत सभरवाल के 91 वर्षीय पिता पुष्कराज सभरवाल और फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस हादसे की जांच पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि अधूरी या पक्षपाती जांच न केवल इस हादसे के असली कारणों को छिपाएगी बल्कि भविष्य के यात्रियों की जान को भी खतरे में डालेगी, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिलने वाले जीवन के अधिकार का उल्लंघन है। अहमदाबाद एयरपोर्ट से 12 जून को उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई-171, जो अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही थी, दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस विमान में कुल 241 लोग सवार थे, जिनमें 229 यात्री और 12 क्रू सदस्य शामिल थे। इस भयावह हादसे में कुल 261 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें विमान में सवार सभी लोग और जमीन पर मौजूद 19 अन्य लोग शामिल थे, जबकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया था। इस हादसे में पायलट-इन-कमांड कैप्टन सुमीत सभरवाल और को-पायलट कैप्टन क्लाइव कुंदर दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश अब इस मामले की जांच को नए सिरे से गति देने वाला साबित हो सकता है।






