अब सिर्फ 500 से 2500 रुपये में बनेगा पंजीकृत करारनामा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार मकान मालिकों और किराएदारों के बीच चलने वाले विवादों को खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर किराये के करारनामे (रेंट एग्रीमेंट) को पंजीकृत कराने पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी में भारी कमी की जा रही है। अब किरायानामा मात्र 500 रुपये से 2500 रुपये तक में रजिस्टर्ड कराया जा सकेगा।
फिलहाल पंजीकरण पर चार प्रतिशत स्टांप ड्यूटी देनी होती है, जिसके चलते लोग कानूनी करारनामा नहीं कराते और बाद में विवाद खड़े हो जाते हैं। नई नीति लागू होने के बाद मकान मालिक और किराएदार दोनों को राहत मिलेगी, क्योंकि कम शुल्क में वैध अनुबंध कराया जा सकेगा।
सरकार ने पूर्व की प्रस्तावित नीति को खारिज करते हुए नया प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिलने की संभावना है। नई व्यवस्था के तहत सालाना दो लाख रुपये तक किराए वाले मकान इस दायरे में आएंगे। करारनामा एक वर्ष से लेकर दस वर्ष तक की अवधि का हो सकेगा, और समाप्ति से पहले नया अनुबंध कराना अनिवार्य होगा।
पहले चरण में यह छूट छह माह के लिए लागू की जाएगी। इस अवधि के अनुभव के आधार पर समयसीमा को आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आवास विभाग इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में जुटा है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल विवादों में कमी आएगी, बल्कि किरायेदारी व्यवस्था में पारदर्शिता और भरोसा भी बढ़ेगा।





