कानपुर| ड्रग विभाग की टीम ने कोडीन युक्त नशीली दवाओं के अवैध क्रय-विक्रय के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। बुधवार को विभाग ने एक और मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिससे पिछले छह दिनों में पांच मेडिकल स्टोरों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। इनमें से चार मामलों में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। जांच के दौरान अब तक 3,04,816 सिरप की बोतलें और 18,00,360 नशीली टैबलेट्स का कोई पता नहीं चल पाया है। विभाग के अनुसार, इन दवाओं की खरीद तो दर्ज है, लेकिन उनका वास्तविक भंडारण या वितरण स्पष्ट नहीं है।
ड्रग इंस्पेक्टर रेखा सचान की अगुवाई में टीम ने 15 अक्तूबर को ओमपुरवा स्थित आरएस हेल्थकेयर पर छापा मारा था। जांच में सामने आया कि संचालक अनमोल गुप्ता ने लखनऊ से कोडीन युक्त फेंसिपिक-टी सिरप की 60,271 बोतलें और फेंसिपिक-टीपी सिरप की 4,650 बोतलें खरीदी थीं। छापे के दौरान यह पूरा स्टॉक मौके पर नहीं मिला, जिससे शक की स्थिति और गहरी हो गई। इस मामले में पांच नवंबर को एफआईआर दर्ज कराई गई है।
वहीं रायपुरवा थाना क्षेत्र में बालाजी मेडिकल स्टोर संचालक सुमित के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। चार नवंबर को दर्ज एफआईआर के बाद बुधवार को ड्रग इंस्पेक्टरों ने थाने में बयान दर्ज कराए। टीम को यहां से कोडीन युक्त 2,100 सिरप की शीशियां और एल्प्राजोलम युक्त 10,800 टैबलेट्स मिली थीं, जिनका कोई लेखा-जोखा संचालक प्रस्तुत नहीं कर सका। इस पूरे मामले को लेकर पुलिस और ड्रग विभाग की जांच जारी है।
इसके अलावा केशवपुरम स्थित एएस हेल्थकेयर, मां दुर्गा मेडिकोज और नौबस्ता के सिसोदिया मेडिकल स्टोर के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। इन पर लाखों की मात्रा में नशीली दवाओं की खरीद का आरोप है। ड्रग विभाग की टीम ने संचालकों से संबंधित दस्तावेज न मिलने पर एफआईआर दर्ज कराई है। विभाग अब इन सभी मामलों की विस्तृत जांच कर यह पता लगाने की कोशिश में है कि आखिर नशीली दवाओं का यह बड़ा जखीरा कहां खपाया जा रहा है।





