आगरा में अवैध खनन और ओवरलोडिंग पर डीएम का सख्त एक्शन, 16 वाहनों के चालान

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3 से 18 नवंबर तक चलेगा विशेष अभियान | खनन, परिवहन, पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त कार्रवाई | डीएम बोले — “सड़क हादसे घटेंगे, राजस्व बढ़ेगा”

आगरा।
जिले में अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित संयुक्त टास्क फोर्स ने विशेष अभियान के तहत कार्रवाई तेज कर दी है। यह अभियान 3 नवंबर से 18 नवंबर तक चलेगा।
डीएम ने बताया कि अवैध खनन और ओवरलोडिंग न केवल राजस्व हानि का कारण बनते हैं, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं और पर्यावरणीय नुकसान के लिए भी जिम्मेदार हैं। ऐसे में प्रशासन ने खनन, परिवहन, वन, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमों को एक साथ मिलकर सघन जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
अभियान के पहले तीन दिनों में ही 135 वाहनों की जांच की गई, जिनमें से 16 वाहनों का चालान किया गया है। इसके अलावा 29 वाहनों पर HSRP नंबर प्लेट और टेम्पर्ड प्लेट न होने पर कार्रवाई की गई है।
डीएम ने बताया कि कार्रवाई विशेष रूप से खेरागढ़, बाह, फतेहाबाद और किरावली क्षेत्र में की जा रही है, जहां खनन गतिविधियां अधिक पाई जाती हैं। इन इलाकों में 24 घंटे निगरानी की व्यवस्था की गई है।
संयुक्त टीम ओवरलोड, बिना वैध चालान, अवैध परिवहन और फर्जी दस्तावेज़ वाले वाहनों पर त्वरित कार्रवाई कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान से जहां खनिज राजस्व में वृद्धि होगी, वहीं सड़क सुरक्षा को भी मजबूत किया जा सकेगा।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया —
> “यह अभियान केवल कागज़ी नहीं रहेगा। अवैध खनन और ओवरलोडिंग में लिप्त कोई भी वाहन या व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा। इससे सड़क हादसों पर रोक लगेगी और सरकारी खजाने को लाभ पहुंचेगा।”
> अवैध खनन और ओवरलोडिंग उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लंबे समय से चुनौती बने हुए हैं। आगरा प्रशासन की यह पहल एक व्यवस्थित और समन्वित कार्रवाई का उदाहरण है। यदि यह मॉडल लगातार और निष्पक्ष रूप से लागू रहा, तो यह न केवल खनिज राजस्व में बढ़ोतरी लाएगा बल्कि जनसुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी ठोस कदम साबित होगा।

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