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Tuesday, November 4, 2025

ढाईघाट शमशाबाद का ऐतिहासिक कार्तिक मेला शुरू — हरियाणा व पश्चिम यूपी से लाई गई कीमती भैंसें बनीं आकर्षण का केंद्र

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शमशाबाद, फर्रुखाबाद: गंगा तट पर आस्था और परंपरा का संगम लेकर लगने वाला ऐतिहासिक कार्तिक मेला (Kartik Mela) ढाईघाट शमशाबाद (Dhaighat Shamshabad) में रौनक पर है। इस पवित्र मेले में इस बार सबसे बड़ा आकर्षण बनी हैं — हरियाणा, मेरठ, मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों से लाई गई कीमती भैंसें, जिनकी कीमत सुनकर लोग दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हैं। इन भैंसों की कीमत ₹80,000 से लेकर ₹4 लाख तक बताई जा रही है।

मेले में पहुंचे पशुपालकों और किसानों का कहना है कि ये भैंसें न सिर्फ सुंदर हैं, बल्कि इनसे दुग्ध उत्पादन भी काफी अधिक होता है। पशु व्यापारियों ने बताया कि वे हर वर्ष इस मेले में आकर अपने पशुओं का क्रय-विक्रय करते हैं, लेकिन इस बार मांग और कीमत दोनों पिछले वर्षों की तुलना में कहीं ज्यादा हैं। ढाईघाट शमशाबाद में लगने वाला यह कार्तिक मेला सदियों पुराना है। यहां गंगा नदी के पवित्र तट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत और व्यापारी एकत्र होते हैं।

मंगलवार को मेले का जायजा लेने पहुंचे उपजिलाधिकारी कायमगंज और क्षेत्राधिकारी (सीओ) कायमगंज ने मेले की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने गंगा स्नान के दौरान सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर गोताखोरों, पीएसी जवानों तथा पुलिस बल को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मंगलवार को बिजली, पानी, सफाई और यातायात की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया। प्रशासन का कहना है कि मेले के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या दुर्घटना न हो, इसके लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। वाहन पार्किंग से लेकर श्रद्धालुओं के आने-जाने के मार्गों तक सभी स्थानों को व्यवस्थित किया गया है।

गंगा स्नान बुधवार को निर्धारित है, जिसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। जानकारों के अनुसार, इस बार मेले में फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर, औरैया, इटावा, एटा और आगरा सहित अनेक जिलों से श्रद्धालु और संत शामिल हो रहे हैं। वे गंगा मैया के पवित्र जल में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हुए भक्ति और संतोष का अनुभव कर रहे हैं।

पुलिस प्रशासन का कहना है कि मेले का आयोजन शांतिपूर्ण और आनंदमय वातावरण में संपन्न कराया जाएगा ताकि श्रद्धालु “हंसी-खुशी आएं और हंसी-खुशी घर लौटें।” फिलहाल हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लाई गई महंगी और शानदार नस्ल की भैंसें न केवल व्यापारियों के लिए व्यापार का केंद्र बनी हैं बल्कि मेले में आने वाले आम लोगों के लिए भी मुख्य आकर्षण और चर्चा का विषय बनी हुई हैं।

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