लखनऊ: राजधानी लखनऊ के महानगर (mahanagar) इलाके में एक 18 वर्षीय मानसिक रूप से विक्षिप्त लड़की (Mentally challenged girl) का कथित तौर पर अपहरण कर उसके साथ बलात्कार (raped) किया गया। पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि लड़की की गंभीर हालत के बावजूद, पुलिस ने उसकी मेडिकल जाँच में देरी की और समय पर मदद नहीं की।
पीड़िता की बड़ी बहन के अनुसार, घटना रविवार शाम की है, जब लड़की अपने घर के पास टहल रही थी। कई घंटों तक जब वह वापस नहीं लौटी, तो परिवार ने उसकी तलाश शुरू की। स्थानीय बच्चों ने उन्हें बताया कि उन्होंने उसे एक व्यक्ति द्वारा स्कूटर पर ले जाते हुए देखा था। इसके बाद परिवार ने महानगर पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। बहन ने बताया कि पुलिस को उसी रात सीसीटीवी फुटेज मिल गई जिसमें स्कूटर और उसका सवार दिख रहा था, और सुबह करीब साढ़े तीन बजे पुलिस ने लड़की को बरामद कर लिया। हालाँकि, परिवार को अगले दिन सुबह करीब 11 बजे ही उसकी बरामदगी की सूचना मिली।
परिवार का आरोप है कि पुलिस अधिकारियों ने न तो उन्हें लड़की की हालत के बारे में बताया और न ही यह बताया कि वह कहाँ मिली। उनका दावा है कि पुलिस अधिकारियों ने खुद उसके कपड़े बदले और उसके गंभीर रक्तस्राव और दर्द को नज़रअंदाज़ कर दिया। बार-बार इलाज की गुहार लगाने के बावजूद, लड़की को देर शाम अस्पताल में भर्ती कराया गया।
परिवार के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि आरोपी ने लड़की को अपनी स्कूटी पर बिठाने से पहले कई बार इलाके में चक्कर लगाया। मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण, लड़की ने स्थिति को समझे बिना ही उसका पीछा किया। जब परिवार आखिरकार उससे मिला, तो वह बहुत कमज़ोर और डरी हुई लग रही थी।
परिवार का यह भी दावा है कि पुलिस ने घटना में इस्तेमाल किए गए स्कूटी के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा कि वाहन चोरी का हो सकता है, लेकिन उन्होंने इसकी पुष्टि नहीं की है और न ही यह बताया है कि वह कहाँ मिला। महानगर पुलिस निरीक्षक ने बताया कि मामले की सूचना मिलते ही पुलिस टीमें तुरंत तैनात कर दी गईं। लड़की को बरामद कर लिया गया है और संदिग्ध की तलाश और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।


