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Sunday, November 9, 2025

माफिया तंत्र की मेहरबानी सिपाही बना करोडों क मालिक

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फर्रुखाबाद: माफिया अनुपम दुबे प्रकरण (mafia Anupam Dubey case) में संदिग्ध भूमिका और संदिग्ध संपर्कों के चलते हटाया गया सिपाही सचेंद्र सिंह चौहान एक बार फिर सुर्खियों मे है,तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने गंभीरता से लेते हुए उसे सिविल पुलिस से हटाकर जीआरपी (Government Railway Police) में भेज दिया था, लेकिन चौहान ने अपने “ऊँचे रसूख” और “जोड़-तोड़” के दम पर फिर से जिले में आमद करा ली।

सवाल यह है कि जिस सिपाही को माफिया नेटवर्क से निकटता के कारण हटाया गया था, वह आखिर किस प्रभावशाली लॉबी के दम पर न केवल वापसी करने में सफल रहा, बल्कि सर्विलांस सेल जैसे संवेदनशील विभाग में दोबारा पोस्टिंग भी पा गया?

सूत्रों के अनुसार, सचेंद्र सिंह की भूमिका माफिया अनुपम दुबे गैंग से जुड़े मामलों में संदिग्ध मानी गई थी। परंतु कुछ ही समय बाद सचेंद्र ने उच्च अधिकारियों के बीच लॉबिंग कर अपनी फतेहगढ़ में पुनः तैनाती करा ली। हैरत की बात यह है कि उसे सर्विलांस सेल, यानी उस इकाई में पोस्टिंग दी गई जहाँ से जिले के अपराधियों की कॉल रिकॉर्डिंग और ट्रैकिंग का काम होता है — वही विभाग जिसकी संवेदनशील जानकारी का दुरुपयोग सबसे बड़ा खतरा बन सकता है।

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