प्रशांत कटियार
आज देश भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री और आयरन लेडी कहे जाने वाली इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। इंदिरा गांधी का जीवन साहस, निर्णय क्षमता और देशभक्ति का प्रतीक था। उन्होंने उस दौर में देश का नेतृत्व किया जब भारत अनेक चुनौतियों से जूझ रहा था गरीबी, बेरोजगारी, सीमित संसाधन और राजनीतिक अस्थिरता के बीच उन्होंने अपने निडर फैसलों से देश की दिशा बदल दी।उन्होंने बैंकों का राष्ट्रीयकरण करके आर्थिक असमानता की जड़ों पर प्रहार किया। उस दौर में यह फैसला कई उद्योगपतियों और पूंजीपतियों को असहज लगा, लेकिन समय ने साबित किया कि यह कदम देश की आर्थिक न्याय व्यवस्था को सशक्त बनाने वाला साबित हुआ। उनके नेतृत्व में हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना दिया। खेतों में उपज बढ़ी, किसानों को सम्मान मिला और भारत अनाज के लिए आत्मनिर्भर हुआ।1971 का भारत पाक युद्ध इंदिरा गांधी की रणनीतिक सूझबूझ और दृढ़ नेतृत्व का सर्वोत्तम उदाहरण रहा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय दबाव की परवाह किए बिना निर्णायक कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ। उस समय पूरी दुनिया ने भारत की शक्ति और इंदिरा गांधी के साहस को स्वीकार किया।
हालांकि, उनके कुछ फैसले विवादित भी रहे। 1975 में आपातकाल लागू करने का निर्णय जनता को असहज लगा। उस समय यह कदम लोकतंत्र पर चोट के रूप में देखा गया। लेकिन इंदिरा गांधी ने अपनी गलती स्वीकार की और चुनाव के माध्यम से फिर से जनता के बीच जाकर विश्वास अर्जित किया। यह उनके नेतृत्व की आत्मसमीक्षा और राजनीतिक ईमानदारी का प्रमाण था।
उनकी विदेश नीति ने भारत को गुटनिरपेक्ष आंदोलन में नई पहचान दी। उन्होंने अमेरिका और सोवियत संघ के दबावों से ऊपर उठकर भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को मजबूती दी। इंदिरा गांधी ने यह साबित किया कि भारत किसी भी महाशक्ति के अधीन नहीं, बल्कि अपनी शर्तों पर चलने वाला आत्मनिर्भर राष्ट्र है।आज उनकी पुण्यतिथि पर देश उन्हें नमन करता है। इंदिरा गांधी केवल एक प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि वह प्रेरणास्रोत थीं जिन्होंने यह सिखाया कि सशक्त नेतृत्व का अर्थ कठोर निर्णय लेने से है, चाहे वे लोकप्रिय हों या नहीं। आयरन लेडीइंदिरा गांधी का जीवन आज भी हर भारतीय के लिए साहस, आत्मविश्वास और राष्ट्रसेवा की मिसाल बना हुआ है।






