लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गुरुद्वारा याहियागंज से ‘चरण पादुका यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ऐतिहासिक यात्रा गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें शहीदी दिवस की स्मृति में आयोजित की गई है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह यात्रा न केवल गुरु गोबिंद सिंह के अदम्य साहस और बलिदान की याद दिलाती है, बल्कि देश की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत से भी जोड़ती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस यात्रा के माध्यम से गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोबिंद सिंह जी और उनके चारों साहिबजादों के बलिदान की प्रेरणा नई पीढ़ी तक पहुंचेगी। उन्होंने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी का स्वागत करते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को आगे बढ़ा रहे हैं और सिख परंपरा की इस अमूल्य विरासत को पूरे देश तक पहुंचा रहे हैं।
यह यात्रा दिल्ली से शुरू होकर आगरा, बरेली, सीतापुर होते हुए लखनऊ पहुंची। मंगलवार को गुरुद्वारा याहियागंज में विशेष दीवान सजाया गया, जहां श्रद्धालुओं ने श्री गुरु गोबिंद सिंह महाराज और माता साहिब कौर जी के पवित्र जोड़ा साहिब (चरण पादुका) के दर्शन किए। इसके बाद यात्रा गुरुद्वारा नाका हिंडोला, बांसमंडी, सदर, चंदरनगर गेट, कृष्णानगर और मानसरोवर गुरुद्वारे से होकर कानपुर के रास्ते पटना साहिब के लिए रवाना हुई।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य परमिंदर सिंह, त्रिलोचन सिंह, तथा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मुख्य सेवादार डॉ. गुरमीत सिंह सहित बड़ी संख्या में सिख संगत मौजूद रही। मुख्यमंत्री योगी ने “वाहेगुरु का खालसा, वाहेगुरु की फतेह” के जयकारों के बीच यात्रा को रवाना किया।






