बारिश से सरसों, बाजरा और आलू की फसलें हुईं प्रभावित, खेतों में कटे धानको नुकसान

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फर्रुखाबाद। जिलेभर में लगातार हो रही धीमी लेकिन रुक-रुककर जारी बारिश ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। बीते 24 घंटों से आसमान में छाए बादल और लगातार गिरती फुहारों ने खेती-किसानी की स्थिति को बिगाड़ दिया है। इस बारिश से खेतों में खड़ी सरसों, बाजरा और आलू की फसलें प्रभावित हुई हैं, जबकि कई खेतों में पहले से कटा पड़ा धान अब सड़ने और गलने की कगार पर पहुंच गया है।
ग्रामीण अंचल में किसानों की आंखों में इस बारिश को लेकर मायूसी साफ झलक रही है। खेतों में पानी भरने से जहां फसलें गलने लगी हैं, वहीं गीली मिट्टी के कारण ट्रैक्टर और कृषि यंत्रों का चलना भी मुश्किल हो गया है। किसान बताते हैं कि अगर दो दिन और बारिश जारी रही तो उनकी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगी। कम्पिल, कायमगंज, अमृतपुर और राजेपुर, शमशाबाद क्षेत्र के कई किसानों ने बताया कि इस बार मौसम ने उन्हें एक के बाद एक झटके दिए हैं। पहले आई बाढ़ ने उनकी खड़ी धान और मूंग की फसलें तबाह कर दीं, जिससे वे पहले से ही आर्थिक संकट में थे। अब यह बेमौसम बरसात उनकी बची-खुची उम्मीदों पर पानी फेर रही है।राजेपुर के किसान राकेश चौहान ने बताया कि, “हमने बड़ी उम्मीद से आलू की बुआई शुरू की थी, लेकिन बारिश के चलते खेतों में पानी भर गया है। अगर सूरज दो दिन तक नहीं निकला, तो बीज सड़ जाएंगे और खेत दोबारा तैयार करने में फिर खर्च बढ़ जाएगा।”कई किसान इस बात से भी चिंतित हैं कि खेतों में गीली मिट्टी के कारण मशीनें नहीं चल पा रही हैं और कटे धान को सुखाना नामुमकिन हो गया है। कुछ किसानों ने बताया कि धान के बोरों में नमी भर जाने से वह सड़ने लगा है, जिससे अनाज का वजन और गुणवत्ता दोनों प्रभावित हो रहे हैं।इधर, मौसम विभाग ने किसानों की परेशानी बढ़ाने वाला पूर्वानुमान जारी किया है। विभाग का कहना है कि अगले दो दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में बारिश जारी रहने की संभावना है। इससे तापमान में गिरावट और खेतों में जलभराव की स्थिति बनी रहेगी।

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