लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) नीति में महत्वपूर्ण संशोधन की तैयारी कर रही है। इसके तहत अब ग्रामीण क्षेत्रों की तरह शहरी इलाकों में भी सात मीटर चौड़ी सड़कों पर छोटे उद्योग लगाने की अनुमति दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव पर उच्च स्तर पर सहमति बन चुकी है और कैबिनेट की अगली बैठक में इसे मंजूरी मिलने की संभावना है।
वर्तमान में प्रदेश में 96 लाख एमएसएमई इकाइयां संचालित हैं, जो राज्य के कुल निर्यात में 46 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती हैं। सरकार का मानना है कि इस क्षेत्र को और विस्तार देकर लाखों नए रोजगार अवसर पैदा किए जा सकते हैं। इसी कड़ी में 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य के सभी जिलों में 100-100 एकड़ में औद्योगिक और रोजगार पार्कों की स्थापना योजना का शुभारंभ करेंगे।
सरकार की योजना है कि बड़े औद्योगिक पार्कों के निर्माण में लगने वाले समय के समानांतर, एमएसएमई नीति में संशोधन करके छोटे उद्योगों को तेजी से बढ़ावा दिया जाए। अब तक केवल 12 मीटर चौड़ी सड़कों पर ही एमएसएमई उद्योग स्थापित करने की अनुमति थी, लेकिन नई नीति से यह बाध्यता खत्म होगी।
इसके अलावा सरकार छोटे औद्योगिक पार्कों के लिए अवस्थापना (इंफ्रास्ट्रक्चर) से जुड़े नियमों में भी ढील देने पर विचार कर रही है। इनमें सीवरेज, चहारदीवारी, आंतरिक सड़कों, फुटपाथ, ग्रीन बेल्ट और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसे मानकों को पूरा करने के लिए उद्योगों को समय देने का प्रावधान शामिल किया जा सकता है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों में दो करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। सरकार को उम्मीद है कि नई नीति लागू होने के बाद रोजगार सृजन की गति और तेज होगी और राज्य में उद्यमिता को नया आयाम मिलेगा।


