मुख्यमंत्री से एसआईटी जांच की मांग, कहा — दलित और वैश्य समाज को बांटने की साजिश
लखनऊ: काकोरी प्रकरण (Kakori incident) को लेकर एक नया मोड़ सामने आया है। भारतीय दोसर वैश्य महासमिति ने आरोप लगाया है कि एक सम्मानित वैश्य परिवार को बदनाम करने और दलित व वैश्य समाज के बीच वैमनस्य पैदा करने की साजिश की जा रही है। महासमिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एसआईटी गठित कर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
रविवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता के नेतृत्व में महासमिति का एक प्रतिनिधिमंडल काकोरी बाजार पहुंचा। वहां उन्होंने स्थानीय व्यापार मंडल पदाधिकारियों और कथित आरोपी परिवार से मुलाकात की और पूरे प्रकरण की जानकारी ली। परिवार के लोगों ने बताया कि मंदिर परिसर में पहले भी कुछ लोगों द्वारा नौटंकी कराई जाती थी, जिसमें भीड़ जुटाकर पैसे इकट्ठे किए जाते थे। जब मंदिर परिसर में वैश्याओं के नाचने की गतिविधि शुरू कराई गई, तो आरोपी परिवार ने इसकी शिकायत प्रशासन से की, जिसके बाद यह बंद करा दिया गया। इसी के बाद यह झूठा प्रकरण रचा गया, जिसमें पेशाब पिलाने जैसी मनगढ़ंत कहानी गढ़ी गई।
पीड़ित परिवार का कहना है कि घटना वाले दिन कथित पीड़ित व्यक्ति ने मंदिर के चबूतरे पर पेशाब किया था। मंदिर की देखरेख करने वाले श्री स्वामीकांत जी ने केवल उसे साफ करने को कहा था, न तो उसे अपमानित किया गया और न ही किसी गलत शब्द का प्रयोग किया गया। कथित पीड़ित की बहू ने भी स्वीकार किया कि पूरा मामला ड्रामा था और निर्दोष वैश्य परिवार को फंसाने की साजिश की गई।
महासमिति ने आरोप लगाया कि इस मामले में पूर्व सांसद कौशल किशोर और मोहनलालगंज विधायक अमरेश ने एकतरफा रुख अपनाते हुए मामले को जातीय रंग देने का प्रयास किया, जिससे विपक्ष को यह मुद्दा भुनाने का अवसर मिला। संगठन ने कहा कि इस कृत्य से भाजपा और संघ परिवार की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल में प्रांतीय वरिष्ठ महामंत्री श्याममूर्ति गुप्ता, प्रांतीय प्रभारी संगमलाल गुप्ता, युवा नगर अध्यक्ष संजय गुप्ता, संगठन मंत्री कुलदीप गुप्ता, उपाध्यक्ष अरविंद गुप्ता, श्रीगोपाल गुप्ता, युवा प्रभारी प्रज्जवल गुप्ता, अनूप गुप्ता, राहुल गुप्ता एवं मलिहाबाद अध्यक्ष आशीष गुप्ता सहित कई पदाधिकारी शामिल रहे। राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता ने वीरांगना ऊदादेवी, महाराजा बिजली पासी और राजा सुहेलदेव को याद करते हुए कहा कि दलित समाज को किसी राजनीतिक प्रयोग का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन शीघ्र न्याय नहीं दिलाता है, तो वैश्य समाज और व्यापारी वर्ग सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगा।


