आगरा। केंद्रीय हिंदी संस्थान रोड स्थित नगला बूढ़ी इलाके में शुक्रवार रात दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ। शराब के ठेके के पास से निकली एक तेज रफ्तार कार मौत बनकर दौड़ी और एक के बाद एक सात लोगों को कुचल दिया। इस भीषण हादसे में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और सड़क पर चीख-पुकार गूंजने लगी। कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि वह कई लोगों को रौंदते हुए आगे बढ़ी और पेड़ से टकराकर रुक गई। अगर पेड़ न होता तो कई और लोगों की जान जा सकती थी।हादसे की खबर मिलते ही एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में परिजनों का सैलाब उमड़ पड़ा। वहां मातम का माहौल था। किसी ने अपनी मां को खो दिया, किसी का बेटा छिन गया तो किसी की खुशियां मातम में बदल गईं। मरने वालों में नगला बूढ़ी निवासी बबली, भानु प्रताप मिश्रा, कमल, कृष उर्फ कृष्णा और बंटेश शामिल हैं।नगला बूढ़ी की बबली घरों में काम करके अपने परिवार का पेट पालती थीं। पति हरेश मजदूरी करते हैं और तीन बच्चों में एक बेटा दिव्यांग है। कुछ दिनों में उनकी भांजी की शादी थी, जिसकी तैयारी में वह जुटी थीं। शुक्रवार रात वह बेटे गोलू को कपड़े दिलाने ले जा रही थीं, तभी तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। बबली की मौके पर ही मौत हो गई जबकि बेटा घायल हो गया। खुशियों का माहौल पल भर में मातम में बदल गया।दूसरी ओर, आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-1 निवासी 28 वर्षीय भानु प्रताप मिश्रा फूड डिलीवरी कंपनी में काम करते थे। तीन साल पहले उनकी शादी रामा से हुई थी और उनका डेढ़ साल का बेटा चेतन है। शुक्रवार रात एक ऑर्डर देने निकले थे, लेकिन लौटकर घर नहीं आए। कार ने सबसे पहले उन्हें ही टक्कर मारी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पत्नी रामा का रो-रोकर बुरा हाल है।इसी हादसे में नगला बूढ़ी निवासी 24 वर्षीय कमल और उसका दोस्त कृष उर्फ कृष्णा भी कार की चपेट में आ गए। दोनों बाजार से कपड़े खरीदकर लौट रहे थे कि तभी मौत ने उन्हें आ घेरा। कमल की पत्नी दो साल पहले डिलीवरी के दस दिन बाद ही चल बसी थी। उसका दो साल का बेटा अब पूरी तरह अनाथ हो गया।वहीं नगला बूढ़ी के मजदूर बंटेश (50) भी इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे। वह रात में सब्जी खरीदने निकले थे और घर लौटते वक्त तेज रफ्तार कार की चपेट में आ गए। कार डिवाइडर से टकराकर पलट गई और बंटेश उसकी चपेट में आ गए। मौके पर ही उनकी मौत हो गई।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसे के वक्त कार चालक शराब के ठेके पर मौजूद था। पुलिस के पहुंचने की भनक मिलते ही उसने गाड़ी तेजी से भगानी शुरू कर दी और कई लोगों को रौंद डाला। कार चालक ने सीट बेल्ट लगाई थी और एयरबैग खुलने से उसकी जान बच गई। स्थानीय लोगों ने शीशे तोड़कर उसे बाहर निकाला। हादसे के बाद आक्रोशित भीड़ ने मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। महिलाएं सड़क पर उतर आईं और नारेबाजी करते हुए जाम लगा दिया। पुलिस से धक्का-मुक्की और खींचतान भी हुई। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया।
अपर पुलिस उपायुक्त आदित्य सिंह, एसीपी हरीपर्वत अक्षय संजय महाडिक और कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची। लोगों को समझाकर शांत कराया गया और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। हादसे के बाद नगला बूढ़ी और पोस्टमार्टम गृह दोनों जगहों पर भारी भीड़ जुट गई। पुलिस ने एनाउंसमेंट कर लोगों से कानून हाथ में न लेने की अपील की और आश्वासन दिया कि दोषी चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।इस दर्दनाक हादसे ने आगरा शहर को झकझोर कर रख दिया है। पांच परिवारों के चिराग बुझ गए, घरों की खुशियां मातम में बदल गईं और सड़क पर पसरा खून रफ्तार की लापरवाही का खामोश गवाह बन गया।





