तीन दिन तक बारिश का अलर्ट, विशेषज्ञ बोले अब भी नहीं संभले तो नवंबर में बिगड़ेगी हालत
लखनऊ संवाददाता
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की हवा इन दिनों मौत का धुआं बन चुकी है। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) शुक्रवार को 239 पर दर्ज किया गया, जिससे लखनऊ देश के 30 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में पहुंच गया है। बढ़ते धुएं, ट्रैफिक, पराली और कचरा जलाने की घटनाओं ने शहर की हवा को बेहद खराब बना दिया है।
हजरतगंज, गोमतीनगर, अलीगंज और इंदिरा नगर जैसे इलाकों में वायु गुणवत्ता सबसे खराब पाई गई। डॉक्टरों के मुताबिक, हवा में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 के कण सामान्य सीमा से दो से तीन गुना अधिक हैं। इस वजह से सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और सिरदर्द की शिकायतें बढ़ गई हैं।
मेडिकल कॉलेज के श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल कुमार बताते हैं कि प्रदूषण के कारण बच्चों और बुजुर्गों को सबसे अधिक खतरा है। उन्होंने सलाह दी है कि सुबह और रात के समय अनावश्यक बाहर न निकलें और मास्क का प्रयोग करें।
मौसम विभाग ने बताया है कि अगले तीन दिनों तक प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश और ठंडी हवाएं चलने की संभावना है, जिससे प्रदूषण स्तर में थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि, विभाग ने यह भी चेताया है कि अगर बारिश नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में त्योहारों के दौरान हवा और ज्यादा जहरीली हो सकती है।
नगर निगम ने खुले में कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पर्यावरण विभाग को शहर के हॉटस्पॉट इलाकों में विशेष सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।





