– 2021 से 2024 तक हुए निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताओं के संकेत
– नगर पंचायत से मांगी गई विस्तृत रिपोर्ट
– जांच के घेरे में सपा नेता और गैंगस्टर देवेन्द्र सिंह यादव जग्गू के भुगतान
फर्रुखाबाद: नगर पंचायत शमसाबाद (Shamsabad Nagar Panchayat) में हुए विकास कार्यों पर अब गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वर्ष 2021 से 2024 के बीच कराए गए विभिन्न निर्माण कार्यों में करोड़ों रुपये के गोलमाल की आशंका के बाद जांच के आदेश दे दिए गए हैं। यह जांच विशेष रूप से के.टी. कंस्ट्रक्शन नामक फर्म द्वारा किए गए कार्यों पर केंद्रित है, जो सपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष और कुख्यात अपराधी देवेन्द्र सिंह यादव उर्फ जग्गू यादव की पत्नी प्रीति यादव के नाम पर पंजीकृत है।
नगर पंचायत शमसाबाद द्वारा जारी पत्र संख्या 347/नि070/सूचना/2024 दिनांक 03 सितंबर 2024 के अनुसार, के.टी. कंस्ट्रक्शन द्वारा किए गए सभी निर्माण कार्यों से संबंधित भुगतान विवरण और निर्माण प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है। नगर प्रशासन के अनुसार, अब तक लगभग 60 लाख रुपये से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है, लेकिन कई कार्यों की गुणवत्ता और पूर्णता पर गंभीर प्रश्नचिह्न हैं।
सूत्रों के अनुसार, जिन निर्माण कार्यों की जांच की जा रही है, उनमें से कई अधूरे हैं या फिर जमीनी स्तर पर उनका कोई ठोस अस्तित्व नहीं दिखाई देता। इनमें मौ0 अकोढ़ा से मैन रोड मुस्तफाबाद तक इंटरलॉकिंग निर्माण कार्य,
मौ0 अकोढ़ा में राजेन्द्र यादव से संजीव यादव के घर तक इंटरलॉकिंग,
मौ0 अकोढ़ा में राहुल यादव से प्रमोद यादव तक इंटरलॉकिंग,
मौ0 अकोढ़ा में श्रीनिवास यादव से बृजेश यादव तक निर्माण कार्य,
मौ0 अकोढ़ा में अखिलेश यादव से त्रिवेणी यादव तक इंटरलॉकिंग,
नगर पंचायत गेस्ट हाउस का सौंदर्यीकरण (लंबित),
मौ0 अकोढ़ा में इस्लामखां से राजवीर यादव के घर तक सीमेंटेड सड़क (लंबित),
कॉलेज चौक से बाजार तक सीमेंटेड सड़क व नाला निर्माण (लंबित),
वार्ड नं. 8 गौतम नगर में तालाब सौंदर्यीकरण (लंबित) हैं।
स्थानीय सूत्रों ने खुलासा किया है कि कई निर्माण कार्यों का भुगतान पहले ही कर दिया गया, जबकि कार्य अधूरे या बेहद घटिया गुणवत्ता के पाए गए हैं। कई जगहों पर भौतिक सत्यापन के दौरान यह भी पाया गया कि जिस स्थान पर निर्माण कार्य दिखाए गए हैं, वहां जमीन पर कुछ भी नहीं हुआ। नगर पंचायत प्रशासन ने अब संबंधित अभिलेखों, माप पुस्तिका और भुगतान फाइलों की जांच शुरू कर दी है। अधिशासी अभियंता ने इस दिशा में रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी और थाना प्रभारी निरीक्षक मऊ दरवाजा को भेजी है।
नगर पंचायत शमसाबाद के एक अधिकारी ने बताया कि—
“हमें निर्देश मिले हैं कि 2021 से 2024 के बीच के.टी. कंस्ट्रक्शन द्वारा कराए गए सभी निर्माण कार्यों की समीक्षा की जाए। टीम द्वारा भुगतान विवरण और निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी धन का उपयोग सही तरीके से हुआ है या नहीं।”
स्थानीय नागरिकों ने नगर पंचायत प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि नगर विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर परिणाम शून्य हैं।
एक निवासी ने कहा,
“नगर पंचायत में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। अगर जांच निष्पक्ष हुई तो करोड़ों की गड़बड़ी सामने आएगी।”
फर्म के.टी. कंस्ट्रक्शन का संबंध सीधे तौर पर गैंगस्टर देवेन्द्र सिंह यादव जग्गू से होने के कारण मामला और गंभीर हो गया है। सूत्रों के अनुसार, कई सरकारी अधिकारियों ने राजनीतिक दबाव में आकर भुगतान किए, जबकि कार्य पूरे नहीं हुए थे। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी के पास भेजे जाने के बाद कई अधिकारियों और फर्म संचालकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की संभावना है।
यदि गड़बड़ी साबित होती है, तो यह मामला न केवल नगर पंचायत शमसाबाद की साख को धूमिल करेगा, बल्कि प्रदेशभर में नगर निकायों की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़ा करेगा। शमसाबाद नगर पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर हुईं इस कथित वित्तीय गड़बड़ी ने स्थानीय शासन की कार्यप्रणाली पर गहरा अविश्वास पैदा कर दिया है। गैंगस्टर के प्रभाव में किए गए इन ठेकों की जांच यदि निष्पक्ष रही, तो यह मामला जिले का सबसे बड़ा नगर निकाय घोटाला साबित हो सकता है।


