लखनऊ| राजधानी में इस बार धनतेरस का पर्व आर्थिक दृष्टि से ऐतिहासिक साबित हुआ।
शहर में एक ही दिन में करीब 3300 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ — जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 40% अधिक है।
सोना और चांदी के दामों में गिरावट से बढ़ी रौनक
धनतेरस से ठीक पहले सोना 4000 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 19,500 रुपये प्रति किलो सस्ती हो गई।
इससे सर्राफा बाजारों में खरीदारों की भारी भीड़ उमड़ी। अमीनाबाद, चौक, हजरतगंज, आलमबाग और महानगर के बाजारों में देर रात तक रौनक बनी रही।
व्यापारी संघ के अध्यक्ष अनिल वर्मा ने बताया, “पांच साल बाद ऐसा मौका आया जब एक दिन में रिकॉर्ड बिक्री हुई। सोना, चांदी, स्टील बर्तन, गाड़ियों और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की डिमांड जबरदस्त रही।”
मिठाई और कपड़ा बाजारों में भी बिकी भारी मात्रा
सिर्फ ज्वैलरी ही नहीं, मिठाई की दुकानों में भी लाइनें लगी रहीं। बर्तन, रेडीमेड और गिफ्ट आइटम्स की बिक्री सामान्य दिनों से तीन गुना तक बढ़ गई।
ट्रैफिक पुलिस को कई इलाकों में भीड़ नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त जवान लगाने पड़े।
लखनऊ के बाजारों में लौटी पुरानी रौनक
कोविड और मंदी के दौर के बाद यह पहला मौका है जब व्यापारियों के चेहरे पर संतोष और मुस्कान दिखी।
व्यापारियों ने कहा कि जनता में अब फिर से आर्थिक भरोसा और त्योहारों की चमक लौट रही है।






