राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंत्रियों की दीपावली भेंट

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राजभवन लखनऊ में सादगी और सौहार्द्र के साथ मना दीपोत्सव, मुख्यमंत्री ने भेंट की पुस्तक “सियाराम मय सब जग जानी”

लखनऊ| राजभवन शुक्रवार को भक्ति, संस्कृति और सौहार्द्र का प्रतीक बन गया जब दीपावली पर्व से पहले उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राज्य के शीर्ष जनप्रतिनिधियों ने शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने राज्यपाल से मुलाकात कर दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शाम के वक्त राजभवन पहुंचे और उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को दीपावली की अग्रिम बधाई दी तथा गिरीश्वर मिश्रा द्वारा रचित आध्यात्मिक पुस्तक “सियाराम मय सब जग जानी” भेंट की। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली प्रकाश, समृद्धि और सच्चाई की विजय का प्रतीक है और यह पर्व समाज में आशा और सद्भाव का संदेश देता है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि दीपोत्सव हमें “तमसो मा ज्योतिर्गमय” के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है और उन्होंने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे जनकल्याण और विकास कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की तरक्की देश की प्रगति का दर्पण है।
मुख्यमंत्री की भेंट के बाद वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने भी राज्यपाल से शिष्टाचार मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने राज्यपाल को दीपावली की अग्रिम बधाई दी और स्मृति चिन्ह तथा पुष्पगुच्छ भेंट किए। इस अवसर पर राजभवन में पारंपरिक दीप सज्जा, पुष्प अलंकरण और दीप प्रज्वलन का आयोजन हुआ। राज्यपाल ने उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलकर दीप प्रज्वलन किया और पूरे राजभवन परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी व पुष्पों से सजाया गया था।
राजभवन में दीप प्रज्वलन के साथ गायत्री मंत्र और राम धुन की पृष्ठभूमि रही। अतिथियों का स्वागत पारंपरिक वाद्य-यंत्रों की मधुर धुन पर किया गया और परिसर में सैकड़ों दीयों से रोशनी फैली हुई थी, जिसने धार्मिक और सांस्कृतिक गौरव का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। राज्यपाल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि दीपावली केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि आत्मचिंतन का भी पर्व है। उन्होंने लोगों से “स्वच्छ दीपावली – सुरक्षित दीपावली” मनाने और पर्यावरण के प्रति सजग रहने की अपील की। राज्यपाल ने यह भी ज़ोर दिया कि समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्गों तक इस प्रकाश को पहुंचाना चाहिए।
इस शिष्टाचार भेंट का सांकेतिक महत्व भी है। यह मुलाकात केवल औपचारिकता न रहकर शासन और राजभवन के बीच सामंजस्य का संदेश भी देती है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह शिष्टाचार भेंट प्रदेश की प्रशासनिक एकजुटता और नेतृत्व की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों के बीच हुए संवादीत संबंधों और साझा दृष्टिकोण को विकास, सुशासन और महिला सशक्तिकरण पर ज़ोर देने के संदर्भ में देखा जा रहा है। इस मुलाकात को कई लोगों ने दीपावली से पहले प्रशासनिक सकारात्मकता और ऊर्जा के आदान-प्रदान के रूप में पढ़ा है।
राजभवन की सजावट और कार्यक्रम ने इस भेंट को औपचारिकता से परे एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिवर्तित कर दिया। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने भी समारोह की सराहना की और राज्यपाल के साथ सरकार के प्रयासों का समर्थन जताया। दीपावली की इस औपचारिक परम्परा ने रिपोर्टिंग के लिए एक समृद्ध दृश्य और सशक्त सन्देश प्रदान किया, जिसमें उत्सव की रमणीयता और प्रशासनिक नेतृत्व की गरिमा दोनों झलकती हैं।

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