-खुद पर कार्यवाही की लटकती तलवार देख सजातियों को करवा रहा गुमराह, अब तक तमाम ब्राह्मणों को ही बनाया शिकार
– अपने सगे रिश्तेदारों तक को झूठ बलात्कार केस में फसवा चुका
– अपनी महिला मित्र से सगे साले पर लिखवा चुका छेड़छाड़ का झूठा मुकदमा
– दर्जन भर से ज्यादा सजातियों का धनउगाही की जुगत में करवा चुका वकालत की आड़ में उत्पीड़न
फर्रुखाबाद। कानपुर के शातिर वकील अखिलेश दुबे से भी शातिराना खेलों में कोसों आगे फतेहगढ़ कचहरी के कुख्यात वकील पर जब कानून का शिकंजा कसना शुरू किया तो उसने अपने समाज को साथ लेने के लिए सोशल मीडिया पर भ्रम फैलवाते हुए ब्राह्मण कार्ड खेलने का नया खेल शुरू किया है।
आपराधिक मुकदमे दर्ज होने के बाद फसता देख माफिया अनुपम दुबे और संजीव परिया के गैंग के संरक्षक और संचालक अवधेश मिश्रा ने सोशल मीडिया पर अपने गुर्गो और खासकर भतीजे वकील ऋषभ मिश्रा से ब्राह्मण कार्ड का खेल शुरू किया है, और सरकार और पुलिस की किरकिरी कराने की जुगत में माफिया अनुपम दुबे के परिजनों के ईशारे पर नया पैतरा अपनाया है ।
यहां बताना जरूरी होगा कि पूर्व में करोड़ों की वेश कीमती हाईवे स्थित सरकारी जमीन को हथियाने के लिए माफिया अनुपम और अवधेश मिश्रा गैंग ने पड़ोसी जनपद कन्नौज के सौरिख थाना क्षेत्र के चपुन्ना निवासी प्रवक्ता मनोज अग्निहोत्री और उनके साथियों पर झूठा गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें आजीवन कारावास की सजा तक करवा दी थी। तब वो ब्राह्मण नहीं थे?
अपने ही गुर्गे मोहम्मदाबाद निवासी राजीव शुक्ला जिससे सोशल मीडिया पर डॉक्टर के. एम. द्विवेदी जैसे प्रतिष्ठित तमाम लोगों के खिलाफ उल्टा सीधा लिखवा कर धनऊगाई करने का खेल करता था, उसके खिलाफ भी प्रार्थना पत्र दिलवा दिया था।जनपद में तैनात रहे जिला विद्यालय निरीक्षक डॉक्टर आदर्श त्रिपाठी के खिलाफ पड़ोसी जनपद इटावा में छेड़छाड़ का प्रार्थना पत्र केवल इसलिए दिलवाया था ताकि वह उसके एसकेएम इंटर कॉलेज चांदपुर नवाबगंज फर्रुखाबाद के खिलाफ कोई कार्रवाई न कर सकें। तब यह लोग ब्राह्मण नहीं थे?
भोलेपुर के प्रतिष्ठित चिकित्सा आर. बी. अग्निहोत्री, पत्रकार नितिन मिश्रा के खिलाफ भी तहरीर और बलात्कार का झूठा मुकदमा लिखाया,इतना ही नहीं अपने सगे रिश्तेदार क्रिश्चियन इंटर कॉलेज के प्रवक्ता और पूर्व प्रधानाचार्य डॉ प्रभात दीक्षित और उनके बेटे को भी फर्जी बलात्कार में फंसाने की कोशिश की थी। तब अवधेश मिश्रा ने नहीं सोचा था कि यह लोग भी ब्राह्मण ही हैं।
अपने सगे साले अनुज पाठक पर अपनी महिला मित्र से छेड़छाड़ का मुकदमा लिखवा दिया था, फतेहगढ़ कचहरी के प्रतिष्ठित वकील राजीव बाजपेई के खिलाफ तमाम झूठ प्रार्थना पत्र दिलाए और उनके खिलाफ अपने साथी दिवंगत हो चुके माफिया संजीव परिया से कोतवाली फतेहगढ़ में झूठ मुकदमा लिखवा दिया था। रामानंद बालिका इंटर कॉलेज के प्रबंधक और नगर के प्रतिष्ठित विनीत अग्निहोत्री उनकी पत्नी और उनके बच्चों को फर्जी दलित उत्पीड़न के मुकदमे में फंसाने की पुरजोर कोशिश की थी, भोलेपुर के अपने पड़ोसी स्वर्गीय विनय दीक्षित जब तक जीवित रहे उनका उत्पीड़न झूठी शिकायतों के बलबूते करता रहा।सूरज अल्ट्रासाउंड के संस्थापक और अपने सगे रिश्तेदार डॉ राजीव पाठक की तमाम झूठी शिकायतें धन उगाही को लेकर कराई। फतेहगढ़ के प्रतिष्ठित आशू मिश्रा को फर्जी बलात्कार गैंगरेप में फसाया, सेंट्रल स्कूल में कार्यरत शिक्षक योगेश पाठक को झूठे पाक्सो और बलात्कार के मुकदमे में निर्दोष फसाया। शातिर अवधेश मिश्रा लगातार अपने द्वारा किए गए अपराधों के कारण दर्ज हुए मुकदमे से अब खुद पर कार्रवाई की तलवार लटकती देख अपने भतीजे नवाबगंज थाना क्षेत्र के गांव ढूड़ियापुर निवासी वकील ऋषभ मिश्रा से सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार शासन प्रशासन के खिलाफ करवा कर माहौल बनाने की कोशिश कर रहा। जबकि पुलिस के भी अपने सजातियों को इस छात्र वकील ने नहीं छोड़ा था नवाबगंज थाना अध्यक्ष आर के शर्मा की महीनो झूठी शिकायतें कर उन्हें परेशान किया, जिले में तैनात रहे तेज तर्रार इंस्पेक्टर कुलदीप दीक्षित की भी तमाम झूठी शिकायत करायी।अब खुद पर कार्रवाई होती देख खिलवा रहा ब्राह्मण कार्ड।





