अयोध्या: उत्तर प्रदेश के Ayodhya के श्री रामजन्मभूमि स्थित पवित्र हनुमान गढ़ी (Hanuman Garhi) परिसर से हिंसा की एक घटना सामने आई है। यहां हनुमान गढ़ी परिसर में 13 अक्टूबर की रात कथित तौर पर गोलीबारी और मारपीट हुई थी। अधिकारियों ने आज यह इस मामले की जानकारी दी। राम जन्मभूमि थाने में दर्ज पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, हनुमान गढ़ी के वरिष्ठ पुजारी महंत हेमंत दास के ड्राइवर राजू यादव ने संत मामा दास उर्फ प्रभुराम तिवारी और उनके चार साथियों पर उन पर हमला करने और पिस्तौल से गोली मारने का प्रयास करने का आरोप लगाया है।
यह घटना कथित तौर पर 13 अक्टूबर की रात करीब 11 बजे हनुमान गढ़ी परिसर के इमली बाग इलाके में हुई। महंत हेमंत दास ने मामा दास समेत पांच संतों के खिलाफ जानलेवा हमला, मारपीट और बलवा की धाराओं में केस दर्ज कराया है। राजू ने दावा किया कि महंत हेमंत दास इमली बाग पहुँच चुके थे और उनकी स्कॉर्पियो गाड़ी सड़क किनारे खड़ी थी, तभी मामा दास एक तेज़ सायरन बजाती एसयूवी में वहाँ पहुँचे। इसके बाद बहस हुई, जिसके दौरान मामा दास ने कथित तौर पर गालियाँ दीं और विरोध करने पर पिस्तौल निकालकर राजू पर गोली चला दी। गोली चूक गई, जिससे राजू बाल-बाल गंभीर रूप से घायल हो गया।
गोलीबारी के बाद, मामा दास के चार साथी, संत मनोज दास, आशीष दास, हनुमान दास और जितेंद्र दास, कथित तौर पर शामिल हो गए और राजू पर लाठी-डंडों से बेरहमी से हमला कर दिया। राजू के सिर और पीठ पर गंभीर चोटें आईं और उसकी कलाई भी टूट गई। राजू ने 14 अक्टूबर की दोपहर को औपचारिक शिकायत दर्ज कराई और सभी पाँच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने आरोपियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
सूत्रों का कहना है कि इस विवाद की जड़ हनुमान गढ़ी मंदिर परिसर में प्रभाव को लेकर महंत हेमंत दास और मामा दास के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष में है। वरिष्ठ संतों और राजनीतिक नेताओं के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों के लिए जाने जाने वाले हेमंत दास को अयोध्या के सबसे प्रभावशाली युवा संतों में से एक माना जाता है। वह अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत महंत ज्ञान दास के शिष्य हैं।
दूसरी ओर, मामा दास हनुमान गढ़ी के सागरहिया संप्रदाय से जुड़े होने का दावा करते हैं और खुद को महंत प्रेमदास और उनके उत्तराधिकारी डॉ. महेश दास का करीबी बताते हैं। इमली बाग के पास उनका एक भव्य आश्रम है, जहाँ कई गाड़ियों का काफिला चलता है। उनका नाम अयोध्या और लखनऊ में कई बहुमूल्य ज़मीन-जायदाद के लेन-देन से भी जुड़ा है, और खबरों के अनुसार उनकी संपत्ति लगभग 50 करोड़ रुपये की है। महंत हेमंत दास ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है और पुलिस व जिला प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस जाँच जारी है।


