प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने आज बुधवार को आरोपित मेरठ निवासी जावेद को अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) के खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में सशर्त जमानत दे दी है। उसके खिलाफ जानी थाने में केस दर्ज है। आरोपित 11 जून 2025 से जेल में है। न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की एकलपीठ ने यह आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देसवाल की एकल पीठ ने इस मामले में मेरठ निवासी जावेद को ज़मानत दे दी। मेरठ के जानी थाने में 12 मई को जानी थाने के एसएसआई कपिल देव ने जावेद के खिलाफ आईपीसी की धारा 152 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
एफआईआर में जावेद पर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के दौरान अपने मोबाइल फोन के व्हाट्सएप स्टेटस और इंस्टाग्राम आईडी पर झूठी खबरें पोस्ट करने का आरोप लगाया गया था। जावेद पर एक वीडियो पोस्ट करने का भी आरोप था जिसमें प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से युद्ध में शामिल होने की अपील करते हुए दिखाई दे रहे थे।
याचिकाकर्ता जावेद के वकील ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। पुलिस इस मामले में पहले ही आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है, इसलिए वह जमानत पर रिहा होने का हकदार है। सरकारी वकील ने जावेद की जमानत अर्जी का विरोध किया। हालांकि, अदालत ने याचिकाकर्ता जावेद की जमानत अर्जी मंजूर कर ली और उसे सशर्त जमानत दे दी।


