अदालत ने प्रत्येक पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया, बंधपत्र पर जमानत मंजूर
फर्रुखाबाद: गैर इरादतन हत्या के प्रयास के एक पुराने मामले में जिला जज नीरज कुमार की अदालत ने बुधवार को तीन भाइयों को दोषी ठहराया। अदालत ने तीनों को तीन साल की सजा (prison) सुनाई है। साथ ही प्रत्येक पर 5 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। सजा सुनाए जाने के बाद अदालत ने तीनों दोषियों को बंधपत्र पर जमानत दे दी।
थाना राजेपुर क्षेत्र के गांव रामपुर जोगराजपुर निवासी उपेंद्र सिंह ने गांव के ही पिता-पुत्र सहित चार लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार, 12 अक्टूबर 2014 की दोपहर करीब 2 बजे उपेंद्र का भाई गोविंद सिंह खेतों में जानवर चरा रहा था। उसी दौरान उसका गांव के ही कौशलेन्द्र सिंह उर्फ सुरेंद्र उर्फ कारे से कौड़ियों को लेकर विवाद हो गया।
विवाद बढ़ने पर कौशलेन्द्र ने अपने पिता श्यामवीर सिंह, तथा भाइयों देवेन्द्र सिंह और शैलेन्द्र सिंह को मौके पर बुला लिया। आरोप है कि चारों ने मिलकर लाठी-डंडों से गोविंद सिंह की पिटाई कर दी। घटना स्थल गोविंद के घर से लगभग 100 से 125 मीटर की दूरी पर था। शोर सुनकर धर्मेन्द्र सिंह, समरपाल, रमेश सहित अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे और किसी तरह घायल को बचाया। मारपीट में गोविंद सिंह के सिर में फ्रैक्चर हो गया और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी गंभीर चोटें आईं।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। विवेचना पूरी होने के बाद पुलिस ने कौशलेन्द्र सिंह, शैलेन्द्र सिंह और देवेन्द्र सिंह के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें और गवाहों के बयान सुनने के बाद जिला जज ने तीनों भाइयों को गैर इरादतन हत्या के प्रयास (IPC की धारा 308) के तहत दोषी करार दिया और तीनों को तीन साल की सजा व जुर्माने से दंडित किया।


