फर्रुखाबाद: ओम प्रकाश सिंह भदौरिया की पांचवीं पुण्यतिथि के अवसर पर आरोग्य चेतना समिति एवं टीम आलवेज पॉजिटिव के संयुक्त तत्वावधान में उत्सव गेस्ट हाउस में एक भव्य विराट कवि सम्मेलन (Kavi Sammelan) एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अरुण प्रताप सिंह भदौरिया और आनंद भदौरिया रहे, जबकि अध्यक्षता अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि डॉ. शिव ओम अम्बर ने की। कार्यक्रम का संचालन लखीमपुर के वरिष्ठ हास्य कवि श्रीकांत सिंह ने चुटीले अंदाज में किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ। डॉ. यशपाल सिंह चौहान ने ओम प्रकाश सिंह भदौरिया के बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे आदर्श अध्यापक, लेखक, कवि, योगगुरु, नेचुरोपैथ और समाजसेवी थे, जिनका जीवन समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। कवयित्री डॉ. प्रीति पवन तिवारी ने मां बागीश्वरी की वंदना प्रस्तुत कर कवि सम्मेलन का प्रारंभ किया।
कार्यक्रम में उत्तराखंड, लखीमपुर, मैनपुरी, बाराबंकी, हरदोई, फर्रुखाबाद समेत कई स्थानों के कवियों ने अपने कवि गीत और व्यंग्यात्मक रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। विशेष रूप से डॉ. शिव ओम अम्बर, विवेक बादल बाजपुरी, महेश पाल सिंह ‘उपकारी’, अशोक अवस्थी, राजकुमार सिंह ‘प्रखर’, करुणेश दीक्षित ‘सरल’ और शशि सिंह की प्रस्तुतियों ने सभागार में उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया।
इस अवसर पर कवयित्री शशि सिंह के कविता संग्रह “तन पलाश मन पारिजात” का लोकार्पण भी डॉ. शिव ओम अम्बर द्वारा किया गया। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले व्यक्तियों को “समाज भूषण सम्मान” से सम्मानित किया गया। सम्मानित व्यक्तियों में अश्वनी कुमार आर्य, सोहन लाल तिवारी, कल्याण राम, राम औतार शर्मा ‘इंदु’, श्रीमती बृजेश कुमारी, रामपाल सिंह और शिवराम सिंह शामिल रहे। सभी कवियों एवं सम्मानित अतिथियों को अंगवस्त्र ओढ़ाकर और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. शिव ओम अम्बर ने भदौरिया बंधुओं द्वारा अपने पूज्य पिताश्री की स्मृति में लगातार पाँच वर्षों से कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह के सफल आयोजन की सराहना की। पूरे कार्यक्रम के दौरान सभागार कविताओं की गूंज और श्रद्धा के भावों से ओतप्रोत रहा। कार्यक्रम में डाक अधीक्षक डी.वी. पाण्डेय, कार्यालय अधीक्षक महेंद्र कुमार, संध्या सिंह, गौरव सिंह, तरुण प्रताप सिंह, रवि प्रताप सिंह, लक्ष्मी, संतोषी, रचना, सतेंद्र प्रताप सिंह सहित सैकड़ों साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।


