बरेली: 26 सितंबर को बरेली में हुए बवाल की जांच में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। इस पूरे प्रकरण से जुड़े सभी 10 मुकदमों में अब डॉ. नफीस (Dr. Nafees), नदीम, मुनीर इदरीशी, पार्षद अनीस, हिस्ट्रीशीटर नायाब उर्फ मुन्ना, अफजाल बेग और मौलाना तौकीर (Maulana Tauqeer) रजा को शरण देने वाले फरहत का नाम बतौर साजिशकर्ता शामिल किया गया है। इन सभी को षड्यंत्र रचने की धारा 61 के तहत आरोपी बनाया गया है।
पुलिस के मुताबिक, शहर को दंगे की आग में झोंकने की साजिश मौलाना तौकीर रजा के साथ मिलकर इन सभी ने रची थी। मौलाना तौकीर रजा का नाम पहले ही सभी दसों मुकदमों में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में दर्ज किया जा चुका है।
आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के बुलावे पर ही 26 सितंबर को भीड़ इकट्ठा हुई थी, जिसने पुलिस टीम पर पथराव और फायरिंग की थी। मौके से पेट्रोल से भरी बोतलें, तमंचे और अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुई थीं। उस दिन हुए बवाल में कुल 10 मुकदमे दर्ज किए गए थे।
इस प्रकरण में चक महमूद निवासी फेजल नबी, मोबीन कुरैशी, साजिद सकलैनी, कोतवाली किशोर बाजार निवासी सुभान उर्फ चूरन, डॉ. नफीस का बेटा फरहान रजा खां और किला निवासी मोईन खां के नाम भी सामने आए हैं। पुलिस ने इन सभी के नाम मुकदमों में खोले हैं और अब इनकी गिरफ्तारी की तैयारी चल रही है। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि जेल भेजे जा चुके आरोपियों के नाम सभी दसों मुकदमों में बतौर साजिशकर्ता जोड़े गए हैं। कुछ अन्य नए नाम भी सामने आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी।
इस बीच शुक्रवार को एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें उपद्रवियों की भीड़ आकाश होटल के पास डीएवी कॉलेज रोड पर पुलिस पर हमला करते और बैरिकेडिंग हटाते हुए नजर आ रही है। पुलिस टीम लोगों से घर लौटने की अपील कर रही थी, तभी भीड़ में मौजूद अराजक तत्व भड़काऊ नारेबाजी करते हुए पुलिस पर धक्का-मुक्की करते दिखे।
कुछ देर बाद भीड़ ने बैरिकेडिंग को पुलिस की ओर फेंका और जबरन डीएवी कॉलेज की तरफ बढ़ गई। यह पूरा घटनाक्रम आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया है। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि पुलिस को लगातार नए वीडियो और फुटेज मिल रहे हैं, जिनके आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।


