बरेली में हालिया बवाल के बाद जेल भेजे गए मौलाना तौकीर रजा की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। यह मामला किसी बयानबाज़ी या आंदोलन से नहीं, बल्कि 30 साल पुराने सहकारी बैंक कर्ज़ से जुड़ा है। बदायूं के करतौली गांव निवासी मौलाना तौकीर रजा ने वर्ष 1990 में साधन सहकारी समिति करतौली से 5,560 रुपये का कृषि कर्ज़ लेकर खाद व बीज खरीदे थे।
बैंक रिकॉर्ड के मुताबिक, मौलाना ने न तो मूलधन चुकाया और न ब्याज। अब ब्याज सहित कुल रकम 28,386 रुपये हो चुकी है। जिला सहकारी बैंक ने वसूली की प्रक्रिया शुरू करते हुए गुरुवार को मौलाना के बरेली स्थित घर पर नोटिस चस्पा करने के लिए टीम भेजी है।
अधिकारियों के अनुसार, यदि निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं किया गया, तो संपत्ति कुर्क की जाएगी। बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी हरि बाबू भारती ने बताया कि सभी बकायेदारों से वसूली के लिए सख्त नीति अपनाई जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, मौलाना ने बदायूं में अपनी अधिकांश संपत्तियां पहले ही बेच दी हैं, इसलिए बैंक की नजर अब बरेली और अन्य जिलों में स्थित संपत्तियों पर है। मामला शासन स्तर तक पहुंच चुका है और प्रशासन को वसूली अभियान में सहयोग के निर्देश दिए गए हैं।