लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यूपी की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर खुलकर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने बीजेपी सरकार और बसपा प्रमुख मायावती दोनों पर तीखे हमले बोले और राज्य में आगामी चुनावों के मद्देनजर अपनी रणनीति का इशारा किया।
अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें और पार्टी के कार्यकर्ताओं को माननीय कांशीराम, नेताजी, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश जी के दिखाए संघर्ष के रास्ते पर चलकर मिलकर PDA की सरकार बनानी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीतिक जीत केवल संख्या बल से नहीं, बल्कि सही दिशा और जनता के विश्वास से तय होती है।
मायावती द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करने पर अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि अंदरूनी सांठगांठ है। उन्होंने कांशीराम स्मारक के रखरखाव पर भी सवाल उठाए और कहा —
> “अगर बीजेपी ने स्मारक का सही रखरखाव किया होता तो पत्थरों का रंग काला नहीं होता।”
बरेली में हाल ही में हुई हिंसा और बुलडोजर कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि यह सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार छुपाने का प्रयास था। अखिलेश ने सवाल उठाया कि कानपुर में क्यों बुलडोजर नहीं चला और केवल बरेली में ही कार्रवाई क्यों हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने जानबूझकर यह घटना करवाई ताकि राजनीतिक रूप से फायदा उठाया जा सके।
बीजेपी पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा —
> “भारतीय जनता पार्टी झूठे मुकदमों का रिकॉर्ड बना रही है। बीजेपी एक झूठी पार्टी है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जानेश्वर मिश्र पार्क से सांसद और रक्षा मंत्री के अलावा अन्य नाम हटा दिए जाएंगे और पार्टी सभी निर्णय लोकतांत्रिक और पारदर्शी ढंग से लेगी।
अखिलेश यादव ने अंत में कहा कि समाजवादी पार्टी चाहती है कि उत्तर प्रदेश में एक फेज़ में चुनाव आयोजित किया जाए, ताकि सभी मतदाता एक ही समय में अपने प्रतिनिधि चुन सकें और राजनीतिक प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस न केवल बीजेपी और बसपा को चुनौती देती है, बल्कि आगामी चुनावों में सपा के एजेंडे और रणनीति का भी स्पष्ट संकेत देती है।
(यूथ इंडिया रिपोर्ट)