बरेली| आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां फिलहाल कानूनी दांवपेंच के जाल में फंसे हुए हैं और जेल से निकलना उनके लिए मुश्किल नजर आ रहा है। 26 सितंबर को शहर में हुए बवाल के बाद कोतवाली समेत पांच थानों में दर्ज दस मुकदमों में मौलाना तौकीर का नाम साजिशकर्ता के रूप में दर्ज किया गया। इनमें से नौ मामलों में बी वारंट फतेहगढ़ जेल में दाखिल किया गया है। मौलाना की तलबी अब 14 अक्तूबर को की जाएगी।
2010 से ही दंगा कराने में तौकीर का नाम अक्सर सामने आता रहा है। इससे पहले वह कभी सत्ताधारियों के करीबी होने या दरगाह परिवार से जुड़ाव के कारण बड़े मामलों से बच निकलते रहे, लेकिन 26 सितंबर का प्रदर्शन बुलाकर उन्होंने मुसीबत मोल ले ली। मौलाना तौकीर फतेहगढ़ जेल में और उसके खास सहयोगी बरेली जेल में बंद हैं।
शुरू में सात मामलों में मौलाना की तलब के लिए बी वारंट दाखिल किया गया था। सोमवार को सुनवाई निर्धारित थी, लेकिन जेल प्रशासन ने स्टाफ की कमी के कारण सुनवाई टाल दी। अब 14 अक्तूबर को मौलाना तौकीर को फतेहगढ़ जेल से बरेली कोर्ट में पेश किया जा सकता है। दीपावली के नजदीक होने के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई होने की संभावना भी जताई जा रही है।
फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में मौलाना तौकीर को तन्हाई बैरक में रखा गया है। सीसीटीवी कैमरों के जरिए उनकी गतिविधियों की निगरानी शासन स्तर से की जा रही है। जेल प्रशासन ने उन्हें ज्ञानवर्धक पुस्तकें मुहैया कराई हैं, जिनमें हिंदी और उर्दू साहित्य शामिल है। एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि सभी मामलों में विवेचना से लेकर गिरफ्तारी तक उच्च अधिकारियों की देखरेख में निष्पक्ष कार्रवाई की जा रही है।