चंडीगढ़। हरियाणा के सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे अपनी सेक्टर-11 स्थित कोठी नंबर-116 में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह हरियाणा में किसी सीनियर आईपीएस रैंक के अधिकारी द्वारा आत्महत्या का पहला मामला है।
चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से नौ पन्नों का फाइनल नोट और एक वसीयत बरामद हुई है। शुरुआती जांच के अनुसार, पूरन कुमार ने दोपहर करीब एक बजे अपने गनमैन से सरकारी पिस्तौल मांगी और कोठी के बेसमेंट में चले गए। बेसमेंट साउंडप्रूफ होने के कारण गोली की आवाज़ बाहर नहीं सुनी गई। करीब एक घंटे बाद उनकी बेटी ने उन्हें सोफे पर सिर से खून बहते हुए पाया और तुरंत सुरक्षाकर्मियों और पुलिस को सूचना दी।
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार सुबह रोहतक के अर्बन एस्टेट थाना में हेड कांस्टेबल सुशील के खिलाफ दर्ज एफआईआर और गिरफ्तारी से पहले ही पूरन कुमार ने यह कदम उठाया। सुशील ने पूछताछ में आईपीएस पूरन कुमार का नाम लिया था।
पूरे घर को सील कर दिया गया है, और आईजी पुष्पेंद्र सिंह, एसएसपी कंवरदीप कौर, एसपी सिटी प्रियंका, सीएफएसएल टीम और फॉरेंसिक विशेषज्ञ मौके पर पहुंचे। शव का पोस्टमार्टम बुधवार को होगा।
वर्ष 1973 में जन्मे पूरन कुमार मूल रूप से आंध्र प्रदेश के थे और 2001 बैच के हरियाणा कैडर के अधिकारी थे। उनका पुलिस करियर अंबाला में शुरू हुआ और उन्होंने एसपी, पुलिस बटालियन कमांडेंट, एसपी रेलवे और अंततः अंबाला में पुलिस रेंज के आईजी के पद तक कार्य किया। उनके साथ अटैच हेड कांस्टेबल सुशील यमुनानगर के फर्कपुर गांव के रहने वाले हैं।
पुुरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार भी सीनियर आईएएस अधिकारी हैं और मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ आधिकारिक दौरे पर जापान गई थीं, लेकिन पति की आत्महत्या की सूचना मिलते ही भारत लौट आईं।
चंडीगढ़ पुलिस ने आत्महत्या में इस्तेमाल पिस्तौल को जब्त कर लिया है और जांच जारी है।