लखनऊ: राजधानी लखनऊ आज भक्ति, आस्था और श्रद्धा के रंग में रंगी हुई है। महर्षि वाल्मीकि जयंती (Thakur Jaiveer Singh) के अवसर पर शहर के सभी प्रमुख मंदिरों में अखंड रामायण (Ramayana) पाठ और भजन-संकीर्तन का आयोजन किया गया। इस शुभ अवसर पर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह ने मुख्य कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए दीप प्रज्वलित कर अखंड पाठ की शुरुआत की।
कार्यक्रम का शुभारंभ होते ही मंदिरों में “जय श्रीराम” और “महर्षि वाल्मीकि अमर रहें” के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। ठाकुर जयवीर सिंह ने पूजा-अर्चना कर महर्षि वाल्मीकि के जीवन आदर्शों को नमन किया और कहा कि — “महर्षि वाल्मीकि न केवल आदि कवि थे, बल्कि उन्होंने समाज को सत्य, धर्म और मर्यादा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।”
राजधानी के हनुमान सेतु, आलमबाग हनुमान मंदिर, दुर्गापुरी मंदिर, चौक स्थित श्रीराम मंदिर और झूलेलाल वाटिका में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं। भक्तों ने रामचरितमानस की चौपाइयों का पाठ करते हुए अखंड दीप जलाए। मंदिरों को पुष्पों, झालरों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है।
संत-महात्माओं और कथा वाचकों ने इस अवसर पर महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने समाज को यह सिखाया कि सच्चे मन से किया गया पश्चाताप व्यक्ति को महानता के शिखर तक पहुंचा सकता है। उनके द्वारा रचित ‘रामायण’ आज भी भारतीय संस्कृति का अमूल्य धरोहर है, जो धर्म, करुणा और त्याग की मिसाल है।
मंदिरों में पूरे दिन भजन-संध्या, सुंदरकांड पाठ, कथा प्रवचन और प्रसाद वितरण के कार्यक्रम चलते रहे। महिलाओं और बच्चों ने भी बड़ी श्रद्धा के साथ आयोजन में भाग लिया। प्रशासन की ओर से सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए गए। प्रमुख मंदिरों के आसपास पुलिस बल तैनात किया गया है, वहीं ट्रैफिक पुलिस ने भीड़ प्रबंधन के लिए वैकल्पिक मार्ग निर्धारित किए हैं।
शहर का धार्मिक वातावरण इतना मनमोहक बना हुआ है कि जहां देखो, वहां राम भक्ति की मधुर गूंज सुनाई दे रही है। श्रद्धालु महर्षि वाल्मीकि और भगवान श्रीराम के उपदेशों को जीवन में उतारने का संकल्प ले रहे हैं। महर्षि वाल्मीकि जयंती के इस पावन अवसर पर लखनऊ आज सचमुच राममय हो उठा है — हर मंदिर से गूंज रहे हैं “जय श्रीराम” के स्वर और हर मन में है भक्ति, प्रेम और समानता का संदेश।


