लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government) ने आज सोमवार को चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों (senior IPS officers) के तबादले (transfers) कर दिए है। सरकार ने जो तबादले किए है उनमे कानपुर के पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार का स्थान लेने वाला एक नया आईपीएस अधिकारी भी शामिल है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अपनी नई तैनाती के ठीक एक महीने बाद, अखिल कुमार को उनके पद से मुक्त कर दिया गया और 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी रघुबीर लाल को कानपुर का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया।
रघुबीर लाल, जो वर्तमान में अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी, सुरक्षा) के पद पर कार्यरत हैं, अब राज्य के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में से एक में पुलिस का नेतृत्व संभालेंगे। वह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के रहने वाले हैं और पहले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भी काम कर चुके हैं। उन्होंने लोकसभा सचिवालय के सुरक्षा प्रभाग में संयुक्त सचिव का पद संभाला था और लखनऊ में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने से पहले लखनऊ के अंतिम एसपी (कानून एवं व्यवस्था) भी थे। बताया जाता है कि मायावती के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान यह पद विशेष रूप से उनके लिए बनाया गया था।
अन्य फेरबदल में, 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी दीपेश जुनेजा को सीआईडी की अतिरिक्त जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है। अब वह पूरी तरह से महानिदेशक, अभियोजन के पद पर कार्यरत रहेंगे। साइबर अपराध महानिदेशक बिनोद कुमार सिंह को सीआईडी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। लखनऊ रेंज के आईजी तरुण गाबा को लखनऊ रेंज का वर्तमान अतिरिक्त प्रभार बरकरार रखते हुए आईजी, सुरक्षा नियुक्त किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि कानपुर के पुलिस कमिश्नर पद के लिए रघुबीर लाल के चयन में जातिगत समीकरणों की भूमिका रही होगी, क्योंकि वर्तमान में राज्य में कोई भी एडीजी रैंक का अधिकारी किसी भी पुलिस ज़ोन या कमिश्नरेट का नेतृत्व नहीं कर रहा है। नेतृत्व परिवर्तन के साथ, अब सबकी निगाहें अखिलेश दुबे के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर टिकी हैं। जानकारों का कहना है कि तबादले से पहले ही जाँच की गति धीमी हो गई थी, और देखना यह है कि नए कमिश्नर के आने पर इसमें तेज़ी आएगी या और सुस्ती जारी रहेगी।