फसल की बुआई पर संकट, मेहनत और निवेश पर खतरे के बादल मंडराए
शमशाबाद: क्षेत्र में अचानक बदले मौसम ने किसानों (farmers) की चिंता बढ़ा दी है। विशेष रूप से आलू की गढ़ाई (बुआई से पूर्व की तैयारी) में जुटे किसानों के चेहरों पर मायूसी साफ झलक रही है। बारिश (rain) के आसार ने उनकी सारी योजनाओं पर पानी फेर दिया है।
जानकारी के अनुसार, इन दिनों शमशाबाद क्षेत्र के अधिकांश गांवों में किसान आलू की बुआई की तैयारियों में व्यस्त हैं। खेतों में जुताई और परे बट का कार्य तेजी से किया जा रहा था ताकि समय से बुआई हो सके। कई किसानों ने पहले ही शीतगृहों से आलू छुड़ाकर खेतों की तैयारी शुरू कर दी थी। किसानों का कहना है कि कुछ दिनों पहले तक मौसम अनुकूल था, जिससे उन्होंने खाद, बीज और दवाइयों की खरीद कर ली थी। लेकिन अब फिर से घने बादलों और बूंदाबांदी ने उनकी चिंता दोगुनी कर दी है।
ग्राम सिरसागंज निवासी किसान राजेश सिंह ने बताया, “हमने आलू की खेती के लिए लगभग 60 हजार रुपये का इंतजाम किया है। अगर मौसम इसी तरह खराब रहा तो खेतों में पानी भर जाएगा और गढ़ाई का सारा काम रुक जाएगा।” वहीं, नगला बख्तावर के किसान हरीश दिवाकर ने कहा, “मौसम बिगड़ने से फसल चक्र बिगड़ जाएगा। आलू की बुआई में देरी होने का मतलब है उत्पादन में नुकसान।”
सोमवार को सुबह हल्की धूप के बाद दोपहर तक आसमान में बादल छा गए और शाम होते-होते बूंदाबांदी शुरू हो गई। देर रात तक रुक-रुक कर बारिश की फुहारें पड़ती रहीं, जिससे किसानों ने खेतों में काम रोक दिया। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अभी बारिश की संभावना बनी हुई है, लेकिन यदि अगले 24 घंटे में मौसम खुल गया तो किसान जल्द गढ़ाई का कार्य फिर शुरू कर सकते हैं।