फर्रुखाबाद में विशेष न्यायाधीश रितिका त्यागी की अदालत का ऐतिहासिक फैसला
फर्रुखाबाद: न्याय (justice) में देर भले हुई, पर अंधकार नहीं रहा। 27 साल पुराने Gangsters Act के मामले में विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) रितिका त्यागी की अदालत ने सोमवार को दो आरोपियों को दोषी करार दिया है। अब अदालत 8 अक्टूबर 2025 को दोषियों को सजा सुनाएगी। यह मामला वर्ष 1998 का है, जब तत्कालीन थाना मऊदरवाजा के एसओ आर.के. पाठक ने गांव आवाजपुर निवासी बलवीर सिंह उर्फ ललैया पुत्र मुनालाल और जगदीश पुत्र रामसिंह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि दोनों आरोपी क्षेत्र में गैंग बनाकर रंगदारी, लूटपाट और मारपीट जैसी गंभीर वारदातों को अंजाम देते थे। ग्रामीणों में इनका भय इतना अधिक था कि कोई भी इनके खिलाफ गवाही देने का साहस नहीं कर पाता था। इनके इशारे पर गैंग के सदस्य क्षेत्र में आतंक फैलाते थे।
पुलिस जांच और विवेचना पूरी कर दोनों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया गया। लंबे समय तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद अब आखिरकार अदालत ने अभियोजन पक्ष के तर्कों और गवाहों के बयानों के आधार पर दोनों को गैंगस्टर एक्ट में दोषी पाया।
अभियोजन पक्ष की ओर से शैलेश परमार, भानु प्रकाश सिंह और राजीव गंगवार ने प्रभावी पैरवी की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और साक्ष्यों के परीक्षण के बाद अदालत ने दोनों को दोषी ठहराते हुए सजा पर सुनवाई 8 अक्टूबर के लिए निर्धारित की है।
यह फैसला न्यायपालिका की उस दृढ़ता का प्रतीक है, जो यह साबित करता है कि —
“कानून के शिकंजे से अपराधी भले कुछ देर के लिए बच जाएं, लेकिन हमेशा के लिए नहीं।”