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Monday, October 6, 2025

रामायण न होती तो संविधान भी न होता : न्यायमूर्ति हाई कोर्ट

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मेजर एसडी सिंह विश्व विद्यालय में न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के ओजस्वी विचारों को सुनने को उमड़ी भीड़, कुलाधिपति डा० अनार सिंह द्वारा स्थापित विश्व विद्यालय की जमकर की प्रशंसा और दद््दू जी का लिया आशीर्वाद….

यूथ इंडिया समाचार

फर्रूखाबाद: हमारा संविधान खुद एक रामायण (Ramayana) है अगर राम न होते तो रामायण न मिलती और रामायण न होती तो संविधान न होता, पुस्तक हमारी मित्र होती है जो हमें भूतकाल का आभास कराती है। यह उदगार मेजर एसडी सिंह विश्व विद्यालय में आयोजित पुस्तक विमोचन एवं लोकार्पण कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता जवाहर सिंह गंगवार द्वारा रचित ग्रंथ विधि प्रहरी और विश्व विद्यालय की डा० उदित अग्रिहोत्री व डा० राजीव कुमार द्वारा लिखित पुस्तक द लीगल डायमेंसन्स ऑफ सायवर स्टाकिंग इन इंडिया (एनालिटिकल) स्टडी को समर्पित करते हुए उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने कही।

इस भव्य कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे न्यायमूर्ति ने कहा कि पुस्तक हमारी मित्र होती है जो हमे दिशा देती है, बोले हमारा संविधान अपने आप में खुद एक रामायण है जिसमें राम लक्ष्मण भरत और हनुमान के चित्र हैं। आज हम आदिकाल से एक आदर्श जीवन जी रहें है उसके पीछे हमारी सभ्यता होती है जो हमें पुस्तक से ही मिलती है।

५ हजार साल पूर्व हमें राम मिले जिनसे हमे आदर्श मिले, जिससे हमें परिवार की प्रासंगिकता प्राप्त हुई। जीवन और भाई और मां बाप का आदर्श कैसा होना चाहिए यह हमें राम ने सिखाया। नारी का चरित्र मां सीता ने सिखाया। न्यायमूर्ति ने प्रभु राम का चित्रण करते हुए पुस्तक को महत्वपूर्ण बताया। बोले विधि प्रहरी मैने अभी पूर्ण रूप से पढ़ी नही है लेकिन इसके रचयिता जवाहर सिंह गंगवार अच्छे व्यक्ति हैं। उनके जैसे लोगों को बरीयता और सम्मान मिलना चाहिए।
जिला जज व हाथरस जिला जज ने किया सम्मान

न्याय मूर्ति शेखर कुमार यादव का कचहरी फतेहगढ़ की ओर से जिला जज नीरज कुमार एवं जनपद में पूर्व में तैनात रहे और वर्तमान में हाथरस के जिला जज विनय कुमार तृतीय पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत करने पहुंचे थे। उन्होने न्यायमूर्ति का यहां स्मृति चिन्ह देकर गर्मजोशी से स्वागत किया। सीजेएम धनश्याम शुक्ला ने न्यायमूर्ति के आगमन की सभी व्यवस्थाओं को संपन्न कराया। ज्यूडीशियरी के अन्य अधिकारीगण यहां मौजूद रहे। विश्व विद्यालय के कुलपति डा० आरएन मिश्रा ने न्यायिक अधिकारियों का सम्मान किया।

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