लखनऊ। कुर्मी क्षत्रिय सभा ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं में ओबीसी, एससी और एसटी वर्गों के साथ हो रहे कथित अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है। सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी.एम. कटियार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर आरक्षण नीति के सही अनुपालन की मांग की है।
सभा का कहना है कि आयोग द्वारा ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत, एससी को 15 प्रतिशत और एसटी को 7.5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान तो किया गया है, लेकिन अभ्यर्थियों को वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा। आरक्षित श्रेणी के कई अभ्यर्थियों को आवेदन प्रक्रिया में सामान्य वर्ग में गिना जा रहा है, जिससे वे आरक्षण के अधिकार से वंचित रह जाते हैं।
इंजी. कटियार ने आरोप लगाया कि लोक सेवा आयोग ने परीक्षा प्रक्रिया के विभिन्न चरणों — प्रारंभिक (Pre), मुख्य (Mains) और अंतिम चयन (Final selection) — में आरक्षण नीति का सही पालन नहीं किया। इतना ही नहीं, आयोग ने माइग्रेशन (Migration) की व्यवस्था भी समाप्त कर दी है, जिससे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हो रहा है।
सभा ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि उच्च न्यायालय द्वारा 26 सितंबर 2025 को दिए गए आदेश में स्पष्ट कहा गया था कि परीक्षा प्रक्रिया में अंतिम समय पर बदलाव से “great chaos and injustice” की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, लेकिन आयोग ने न्यायालय की भावना की अनदेखी की है।
सभा ने मुख्यमंत्री से तीन प्रमुख मांगें की हैं कि जिन परीक्षाओं के परिणाम अभी लंबित हैं, उनमें आरक्षण नियमों का पालन कर परिणाम संशोधित किया जाए। भविष्य की सभी भर्तियों में लोक सेवा आयोग द्वारा आरक्षण नीति का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। आगामी 12 अक्टूबर को प्रस्तावित पीसीएस (Pre) परीक्षा में आरक्षण और माइग्रेशन नियमों का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाए।
सभा ने चेतावनी दी है कि यदि आयोग ने आरक्षण नीति का पालन नहीं किया तो यह सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप कर आरक्षित वर्गों के साथ हो रहे अन्याय को समाप्त करने की मांग की है।