बरेली। 26 सितंबर को बरेली में हुए बवाल के बाद जिला प्रशासन ने उपद्रवियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक लगभग 170 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को सील किया जा चुका है और दो अवैध ई-चार्जिंग स्टेशन ध्वस्त किए गए हैं। यह कार्रवाई जखीरा स्थित रजा पैलेस और बानखाना के रजा चौक इलाके में की गई, जहां कुल 27 लाख रुपये लागत के अवैध ई-चार्जिंग स्टेशन बनाए गए थे।
प्रशासन, पुलिस, बीडीए और नगर निगम की संयुक्त टीम बवाल में शामिल आरोपियों और उनके करीबियों की संपत्तियों को चिन्हित कर कार्रवाई में जुटी हुई है। तौकीर रजा के करीबी नफीस और नदीम के नाम प्रमुख रूप से सामने हैं। सोमवार से कार्रवाई का दूसरा चरण शुरू होगा, जिसमें जिन संपत्तियों के मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं या निर्माण शर्तों का उल्लंघन पाया गया है, उन पर नोटिस जारी कर सीलिंग की जाएगी।सूत्रों के अनुसार, अब तक 150 से अधिक संपत्तियां जांच के दायरे में हैं, जिनमें होटल, बारातघर, दुकानें और आवासीय भवन शामिल हैं। कई संपत्तियां नियमों के विपरीत पाई गई हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अवैध निर्माण और उपद्रव में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
अब तक सील की गई प्रमुख संपत्तियां
जिन संपत्तियों को अब तक सील किया गया है, उनमें शामिल हैं: स्काईलार्क होटल (लगभग 40 करोड़), फहम लॉन (लगभग 50 करोड़), फ्लोरा गार्डन (लगभग 60 करोड़), पहलवान साहब की मजार के पास 74 दुकानों की मार्केट (10 करोड़), नौमहला मस्जिद के पास चार दुकानें (2 करोड़), फरहत का मकान (5 करोड़) और हमसफर बारातघर (2 करोड़)। इन संपत्तियों का कुल मूल्य लगभग 170 करोड़ रुपये से अधिक बताया गया है।
बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने इस कार्रवाई को अपनी नियमित कार्यवाही बताया है, लेकिन जिन संपत्तियों को सील किया गया है, वे अधिकतर बवाल के आरोपियों और उनके करीबियों की बताई जा रही हैं। अधिकारियों ने साफ किया है कि जांच पूरी होने तक किसी को भी राहत नहीं दी जाएगी और अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने में कोई हिचक नहीं होगी।