भाजपा से नाराज नेताओं का बढ़ा सपा से संपर्क, जिले मे एकजुटता से सपा पुराने गढ़ को भेदने मे जुटी

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– सदर विधानसभा से पूर्व एमएलसी का सपा में नाम जान की चर्चा
– अमृतपुर से डॉक्टर नवल किशोर या उनकी पत्नी के अलावा पूर्व मंत्री की प्रबल संभावना
– भोजपुर से पूर्व विधायक की बहू और वरिष्ठ भाजपा नेता के भाई के सपा से तार जुड़े
– सुरक्षित कायमगंज से सर्वेश अंबेडकर की दावेदारी प्रबल, विधायक पति ने भी जोड़े सपा से तार
फर्रुखाबाद। समाजवादी पार्टी के पर्यवेक्षक दिलीप यादव ने सदर क्षेत्र के लिए सत्ता पक्ष से जुड़े कई नाम पार्टी में भेजे हैं। यह कदम आगामी विधानसभा और स्थानीय चुनावों से पहले सपा की रणनीति को मजबूत करने की दिशा में लिया गया माना जा रहा है। सपा से वहीं अमृतपुर से पूर्व मंत्री के अलावा डॉक्टर नवल किशोर का दखल भोजपुर से लोधी प्रत्याशी का उतरना प्रमुख चर्चा मे है।

सूत्रों के अनुसार, भोजपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक की बहु और सत्ता पक्ष के प्रमुख पदाधिकारी के भाई ने हाल ही में सपा से संपर्क किया है। वहीं, अमृतपुर से डा.नवल किशोर शाक्य या उनकी पत्नी प्रियंका शाक्य के नाम चर्चा में हैं। इसके अलावा कायमगंज क्षेत्र में रामशरण कठेरिया, सर्वेश अम्बेडकर और पूर्व विधायक के नामों की भी सपा में संभावित भूमिका की चर्चा है।जबकि सर्वेश अंबेडकर को मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इनमें से कई नेता पहले भाजपा से टिकट पाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन न मिलने पर उन्होंने सपा से संपर्क किया। इस कारण से यह कदम सपा के संगठनात्मक और चुनावी महत्त्व को और बढ़ा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव सिर्फ सदर क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा। इसमें शामिल नेताओं की वजह से भाजपा समर्थकों के बीच भी राजनीतिक खींचतान देखने को मिल सकती है। वहीं, सपा के लिए यह एक अवसर भी है कि वह पुराने नेताओं और समर्थकों को वापस पार्टी में जोड़कर आगामी चुनावों में अपनी ताकत बढ़ा सके।
सपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पर्यवेक्षक दिलीप यादव द्वारा भेजे गए नामों के साथ-साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मंजूरी भी जरूरी मानी जाएगी। इसके बाद ही स्थानीय संगठन में किसी भी प्रकार का औपचारिक बदलाव किया जाएगा।
राजनीतिक हलकों में इस चर्चा ने और उबाल पैदा कर दिया है कि आने वाले समय में सदर क्षेत्र में भाजपा और सपा के बीच मुकाबला और तीव्र होने की संभावना है।
उधर समाजवादी पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता रहे,और पूर्व मंत्री भी सपा के संपर्क में बताये जा रहे हैं।मौजूदा वक्त में वह भाजपा के कार्यक्रमों का हिस्सा नहीं बनते दिख रहे इसके अलावा सरकार के हंटर से हाल ही में राहत पाए एटा के पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव के पुत्र सपा नेता सुबोध यादव के भी जिले में सक्रिय होने के संकेत मिल रहे हैं।भरोसेमंद सूत्रों की माने तो पूर्व के दिनों में सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सुबोध और एटा के एमएलसी आशीष यादव के बीच विवाद का पटाक्षेप भी करा दिया है,इसके बाद आगामी विधानसभा चुनाव में जिले की राजनीति में समाजवादी पार्टी का हावी होना तय माना जा रहा है।

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