यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर, फर्रुखाबाद। मनरेगा योजना एक इस वक्त ऐसी योजना बन गई हैं जो गरीबो को रोजगार के स्थान पर ग्राम प्रधान, सचिव और पंचायत मित्रो की रोज़ी रोटी का जरिया बन बैठी है। अधिकारी शासन और प्रशासन को धोखा देकर फर्जी ड्यूटी लगाकर अपनी मोटी जेब करने में लगे हुए हैं। जहां एक तरफ जिला प्रशासन बारिश की छुट्टी कर रहा है।और दूसरी तरफ गंगा अपना रूद्र रूप दिखाए हुए है। लेकिन ब्लाक कर्मचारियों की सह पर बारिश और बाढ़ से जल मग्न हुई ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्य की फर्जी ड्यूटी लगाई जा रही है।
विकासखंड राजेपुर की ग्राम पंचायत सवासी के ग्रामीण शेर सिंह हरिभान सिंह ने बताया कि मेरे गांव के चारों तरफ व खेतों में गंगा नदी की बाढ़ का पानी भरा हुआ है। 11 और 12 सितंबर को भयानक बारिश भी हुई थी लेकिन ग्राम प्रधान फर्जी ड्यूटी लगाकर मनरेगा कार्य दिख रहा है।
वही 11 और 12 सितंबर को ग्राम प्रधान ने लगातार 2 दिन में 48 लेवल दिखाई है जबकि जहां पर मिटटी कार्य दिखाया है वहां पर लेवर ले जाने के लिए नाव की जरूरत पड़ेगी और वहां पर इस वक्त गंगा बाढ़ का पानी भरा हुआ है। इससे साफ सिद्ध हो रहा है कि रोजगार सेवक फर्जी ड्यूटी लगाने में माहिर है। और वर्ष 2023 में रोजगार सेवक पर ऐसे ही काम में लापरवाही करने पर एफआईआर दर्ज हुई थी।
ब्लाक राजेपुर क्षेत्र के कई एक गांवों में 11 व 12 सितंबर को लगभग 2400 लेबर का दो दिन में उपस्थिति दर्ज कराई गई। जबकि जिला प्रशासन द्वारा लेटर जारी कर 13 सितंबर तक रैनिंग डे की छुट्टी की गई थी। तथा भयानक बारिश हुई थी। जिससे किसानों को काफी नुकसान भी हुआ किसी का मकान धराशाई हो गया। तो कोई धान और गन्ना की फसल खराब होने का रोना रो रहा है। इसके बावजूद भी ग्राम प्रधान मनरेगा कार्य करता रहा।