बरेली| मौलाना तौकीर रजा के भाई तौसीफ रजा ने सोमवार को बरेली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए चार बड़ी मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में मुसलमानों को बिना वजह निशाना बनाया जा रहा है और पुलिस की कार्रवाई पक्षपातपूर्ण तरीके से हो रही है।
तौसीफ रजा ने कहा कि बेगुनाह मुसलमानों की बेवजह गिरफ्तारी तुरंत रोकी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस कई बार रात में या बिना किसी उचित आधार के मनमानी दबिशें डाल रही है, जिससे आम नागरिकों में भय और असुरक्षा का माहौल है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तौसीफ रजा ने तीसरी मांग के रूप में कहा कि मुसलमानों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिन्हें वापस लिया जाना चाहिए। उनका कहना था कि इन मुकदमों का उद्देश्य केवल समुदाय को डराना और दबाव में रखना है।
चौथी और सबसे अहम मांग उन्होंने यह रखी कि बुलडोज़र कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि बिना किसी ठोस कानूनी प्रक्रिया और कोर्ट के आदेश के मकानों पर बुलडोज़र चलाया जा रहा है, जो न्याय व्यवस्था और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
तौसीफ रजा ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि अगर उनकी ये चारों मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे और उनका संगठन ठोस कदम उठाने पर मजबूर होंगे। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे कदम किस प्रकार के होंगे, लेकिन इतना जरूर कहा कि आंदोलन की दिशा किसी भी स्तर तक जा सकती है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तौसीफ रजा का रुख बेहद सख्त दिखाई दिया और उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि समुदाय के धैर्य की परीक्षा ज्यादा दिनों तक न ली जाए।
इस बयान के बाद बरेली और आसपास के इलाकों में माहौल गरमा गया है। राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की नजर अब तौसीफ रजा की आगे की रणनीति पर टिकी हुई है। वहीं प्रशासनिक स्तर पर भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद हलचल मच गई है और माना जा रहा है कि स्थानीय खुफिया एजेंसियां स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
कुल मिलाकर, तौसीफ रजा ने अपने बयानों से सरकार और प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है और अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में उनकी चेतावनी आंदोलन का रूप लेती है या सरकार बातचीत के जरिए स्थिति को शांत करने का प्रयास करती है।