लखनऊ। उत्तर प्रदेश कर विभाग से जुड़े एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। 22 करोड़ रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) धोखाधड़ी मामले में तीन सहायक आयुक्तों को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई मुख्य सचिव राज्य कर एम. देवराज के आदेश पर की गई।
निलंबित अधिकारियों में अजय कुमार, अभय पटेल और जितेंद्र कुमार शामिल हैं। साथ ही, इस मामले में उपायुक्त लालचंद्र की संदिग्ध भूमिका और लापरवाही पाए जाने पर विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
इस धोखाधड़ी का मामला मुख्य रूप से हापुड़ और गोरखपुर की फर्मों से जुड़ा है। जिन फर्मों का नाम सामने आया है उनमें लकी इंटरप्राइजेज और निशा इंटरप्राइजेज प्रमुख हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इन फर्मों ने फर्जी कागजात और गलत दावों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
यह मामला करीब दो महीने पहले हापुड़ में एफआईआर दर्ज होने के बाद सामने आया था। उसके बाद से ही कर विभाग ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी थी। जांच में अफसरों की संदिग्ध भूमिका उजागर होने के बाद यह सख्त कदम उठाया गया।
राज्य कर विभाग ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निलंबित अधिकारियों पर आगे भी कार्रवाई की संभावना बनी हुई है।
इस कार्रवाई ने कर विभाग की कार्यप्रणाली और अधिकारियों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना प्रशासनिक निगरानी और जवाबदेही की जरूरत को दोहराती है।