हमीरपुर: उद्योग विभाग ने आज होटल हमीर में एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। हमीरपुर नगर निगम (Hamirpur Municipal Corporation) के आयुक्त राकेश शर्मा (Commissioner Rakesh Sharma) ने कहा कि एमएसएमई की स्थापना करते समय आर्थिक उद्देश्यों के साथ-साथ पर्यावरणीय पहलुओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए तभी समग्र, सतत और टिकाऊ विकास की परिकल्पना साकार हो सकती है।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में नगर निगम हमीरपुर के आयुक्त राकेश शर्मा ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ सतत औद्योगिक प्रथाओं को प्रोत्साहित करना और उद्यमशीलता विकास में तेजी लाना महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर उद्यमियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग द्वारा शुरू की गई क्लस्टर आधारित नीति अत्यंत सराहनीय है। सरकार उद्यमियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएँ चला रही है। ये योजनाएँ आम लोगों, विशेषकर युवाओं को सफल उद्यमी बनने में मदद कर सकती हैं। युवाओं को मदद के लिए आगे आना चाहिए।
कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ताओं, डॉ. विवेक कुमार और ऋषिकेश सिंह ने उद्यमियों को एमएसएमई क्लस्टर विकास कार्यक्रम और एमएसएमई हरित पहल जैसी प्रमुख योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने उत्पादकता बढ़ाने, संसाधन दक्षता में सुधार लाने और लघु उद्यमों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने की रणनीतियों पर भी प्रकाश डाला, जिनमें एमएसएमई प्रदर्शन को बढ़ावा देने और गति देने (आरएएमपी) योजना, सर्कुलर इकोनॉमी मॉडल, स्पाइस और गिफ्ट योजनाएँ शामिल हैं। जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी), हमीरपुर के आर्थिक अन्वेषक प्रवेश कपूर ने मुख्य अतिथि, अन्य अतिथियों, वक्ताओं और उद्यमियों का स्वागत किया और कार्यशाला के उद्देश्यों की व्याख्या की।