मनरेगा में करोड़ों की धांधली का पर्दाफाश: 33 जिलों में जांच शुरू, ग्राम प्रधान सचिव पर कार्रवाई के आदेश

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लखनऊ| प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ है। प्रदेश के 33 जिलों की 238 ग्राम पंचायतों में करोड़ों रुपये की धांधली सामने आई है। इसी क्रम में कानपुर नगर के बिल्हौर और ककवन ब्लाक की दो ग्राम पंचायतों में भी गड़बड़ी पकड़ी गई है। यहाँ व्यक्तिगत कार्यों के नाम पर निर्धारित सीमा से अधिक भुगतान कर नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गईं। संयुक्त आयुक्त मनरेगा संजय कुमार ने इस मामले को गंभीर मानते हुए सीडीओ को पत्र जारी कर एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। नियम के अनुसार ग्राम प्रधान और सचिव को किसी व्यक्ति के निजी कार्य जैसे मेड़बंदी, खेत समतलीकरण, पौधरोपण, कैटेल शेड और चकरोड निर्माण कराने का अधिकार है, लेकिन इन कामों में भुगतान अधिकतम दो लाख रुपये तक ही किया जा सकता है। इसके बावजूद ब्लाक स्तर पर बैठे जिम्मेदारों ने मनमाना भुगतान कर नियमों की अनदेखी की। जांच में खुलासा हुआ कि बिल्हौर ब्लॉक की देबीपुर सरई ग्राम पंचायत में मुन्ना सिंह के खेत के चारों ओर मेड़बंदी और जंगल की सफाई के नाम पर 2.23 लाख रुपये का भुगतान किया गया, जबकि ककवन ब्लॉक की रहीमपुर विषधन ग्राम पंचायत में रामौतार के घर से मंगू राठौर के खेत तक चकरोड निर्माण दिखाकर 3.62 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। शासन स्तर पर की गई मॉनिटरिंग में सामने आया कि 33 जिलों की 238 ग्राम पंचायतों में दो लाख रुपये से अधिक के भुगतान किए गए, जिससे गड़बड़ी का संदेह गहरा हो गया। शासन ने ग्राम प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायकों की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं। जिन जिलों में यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है उनमें अलीगढ़, अमेठी, बलिया, बस्ती, चंदौली, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फीरोजाबाद, गाजीपुर, गोरखपुर, हरदोई, जालौन, जौनपुर, कानपुर नगर, कासगंज, कौशांबी, खीरी, ललितपुर, महाराजगंज, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, रामपुर, संत रविदासनगर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सुल्तानपुर और उन्नाव शामिल हैं। सभी जिलों से शासन ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इस मामले पर कानपुर नगर की सीडीओ दीक्षा जैन ने कहा कि “अभी शासन से जांच कराने का आदेश आया है। टीम गठित कर दोनों ग्राम पंचायतों में जांच कराई जाएगी। अगर गलत तरीके से भुगतान हुआ है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” इस खुलासे के बाद पूरे प्रशासनिक तंत्र में हड़कंप मच गया है और ग्रामीणों के बीच आक्रोश व्याप्त है कि गरीबों की योजनाओं का धन बंदरबांट का शिकार हो रहा है।

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