नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने 155 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 212 अचल संपत्तियां पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कुर्क की हैं। यह कार्रवाई एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड (LFS Broking Private Limited), उसकी संबंधित कंपनियों और सैयद जियाजुर रहमान सहित व्यक्तियों के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है। इसके अंतर्गत 155 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 212 अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया गया है।
कुर्क की गई संपत्तियों, जिनकी पहचान अपराध से अर्जित संपत्ति के रूप में की गई है, इनमे पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के कई जिलों में स्थित जमीन के टुकड़े, अपार्टमेंट, होटल, रिसॉर्ट और फैक्ट्री प्लॉट शामिल हैं। ये संपत्तियां निवेशकों से 1600 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी से अर्जित की गईं, जिन्हें आरोपियों द्वारा नियंत्रित संस्थाओं से उच्च रिटर्न के झूठे वादों के जरिए गुमराह किया गया था।
ईडी ने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत एलएफएस ब्रोकिंग, सैयद जियाजुर रहमान और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी (एफआईआर) के आधार पर अपनी जाँच शुरू की। उनके खिलाफ गुजरात, ओडिशा और महाराष्ट्र राज्यों में भी अतिरिक्त प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
ईडी की जाँच के अनुसार, मास्टरमाइंड सैयद जियाजुर रहमान, दिलीप कुमार मैती, मोहम्मद अनारुल इस्लाम और उनके साथी सेबी पंजीकरण प्रमाणपत्रों में हेराफेरी करके अवैध निवेश योजनाएँ चलाते थे। उन्होंने 2-3 प्रतिशत के गारंटीकृत मासिक रिटर्न की आड़ में निवेशकों के धन को इकट्ठा करने और उसे इधर-उधर करने के लिए संस्थाओं के एक नेटवर्क का इस्तेमाल किया।
आरोपियों ने यह अवैध कारोबार एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड की आड़ में चलाया, जो शेयर ब्रोकिंग के लिए सेबी में वैध रूप से पंजीकृत कंपनी है। हालाँकि, उन्होंने जानबूझकर मिलते-जुलते नामों वाली कई अन्य कंपनियाँ भी बनाईं। निवेशकों को यह विश्वास दिलाया गया कि वे सेबी-पंजीकृत संस्था में निवेश कर रहे हैं, जबकि वास्तव में उनके धन को “एलएफएस ब्रोकिंग एंड पीएमएस सर्विसेज” जैसी मिलती-जुलती नाम वाली कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
ईडी ने इस मामले में पहले ही कथित मास्टरमाइंड सैयद जियाजुर रहमान सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी गिरफ्तार व्यक्ति वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। कोलकाता की विशेष अदालत में दस आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत भी दायर की गई है।
मामले की आगे की जाँच जारी है।